नई दिल्ली: तृणमूल नेताओं ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला करते हुए बीते सोमवार को लोकसभा में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने मनरेगा और पीएम आवास योजना जैसी योजनाओं के लिए धन रोककर पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ 'आर्थिक नाकेबंदी' लगा दी है, जबकि केंद्र को फौरन योजनाओं के मद में खर्च होने वाली बकाये राशि का तत्काल भुगतान किया जाना चाहिए।
ममता बनर्जी की पार्टी के नेताओं द्वारा लगाये इन आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बंगाल की तृणमूल सरकार पर आरोप लगाया कि वो केंद्रीय धन का "दुरुपयोग" कर रही है, जिसके कारण केंद्र को सीबीआई जांच का आदेश देना पड़ा।
समाचार वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार संसद में तृणमूल नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि केंद्र पर राज्य सरकार का 18,000 करोड़ रुपये बकाया है, जिसे केंद्र द्वारा फौरन अदा किया जाना चाहिए।
तृणमूल सांसद बंदोपाध्याय ने कहा, "मनरेगा, पीएम आवास योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सरकार द्वारा आवंटित सारा पैसा पिछले दो वर्षों से अवरुद्ध कर दिया गया है।"
उन्होंने कहा, "हम मांग करते हैं कि मनरेगा आवंटन और पीएम आवास योजना के मद में किया गया धन आवंटन बिना किसी देरी के राज्य सरकार को भेजा जाना चाहिए। हम अपनी मांग पीएमए के सामने रखने के इच्छुक हैं और उम्मीद करते हैं कि इस मुद्दे पर सदन में चर्चा होगी।"
वहीं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "मैं सदन के पटल पर इस बात का स्पष्ट उल्लेख करना चाहता हूं कि पीएम पोषण योजना- मिड डे मील में तृणमूल सरकार द्वारा 4,000 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया है। भारत सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं, जांच के बाद सब कुछ सामने आ जाएगा। वे गरीब लोगों का पैसा लूट रहे हैं। सरकार के आधे मंत्री जेल में हैं। तृणमूल को इस बात का डर है कि उनका नेतृत्व भी जेल जा सकता है।"