फिलहाल यह तय नहीं हो पाया है कि प्रथम जून से शुरू हो रहे वर्ष 2021 के अनलाक 1।0 में अमरनाथ यात्रा संपन्न करवाने के बारे में कोई सकारात्मक फैसला लिया जाएगा या नहीं लेकिन सूत्रों के अनुसार, यात्रा को संपन्न करवाने की जो तैयारियां की जा रही हैं उनमें प्रदेश में आने वाले अमरनाथ यात्रियों को क्वारांटाइन में रखने की तैयारी भी शामिल है। यह सब तभी हो पाएगा अगर अमरनाथ यात्रा संपन्न करवाने को हरी झंडी दी जाती है।
सूत्रों के मुताबिक, अमरनाथ यात्रा की तिथि अभी तय नहीं हो पाई है लेकिन अगर यात्रा आरंभ हुई तो दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों को पहले कठुआ जिले में क्वारंटीन किया जाएगा। कोविड टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद ही उन्हें आगे जाने की अनुमति दी जाएगी। इतना जरूर था कि लाकडाउन आरंभ होने से पहले जम्मू के मंडलायुक्त ने जिला प्रशासन के साथ हुई एक बैठक में 500 से 1000 यात्रियों को क्वारंटीन करने की व्यवस्था के प्रति चर्चा जरूर की थी।
सूत्रों के मुताबिक, इस चर्चा के अनुसार यात्रा शुरू होने पर यात्रियों की लखनपुर में सैंपल जांच होगी। रिपोर्ट आने तक इन्हें छह क्वारंटीन सेंटरों में ठहराया जाएगा। यही नहीं अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर फिलहाल लंगरवालों को कोई अनुमति नहीं दी गई है पर सूत्र कहते थे कि अगर यात्रा आरंभ हुई तो कठुआ जिले में इस बार किसी भी लंगर को अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे में श्रद्धालुओं के खाने की व्यवस्था प्रशासन करेगा।
अमरनाथ यात्रा से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, यह फैसला अब प्रदेश प्रशासन को लेना है कि अमरनाथ यात्रा को संपन्न करवाने की अनुमति दी जानी है या नहीं। एक प्रस्ताव के अनुसार, यात्रियों को हेलिकाप्टर से आने जाने की अनुमति दी जा सकती है पर प्रदेश के बाहर से यात्री जम्मू कश्मीर पहुंचेगे कैसे, यह सबसे बड़ा सवाल इसलिए है क्योंकि फिलहाल प्रदेश के बाहर से आने वालों को 7 दिनों की क्वारांटीन अवधि में रहना पड़ता है।
इसके मायने यह हुए कि आने वालों को कम से कम 10 से 12 दिनों का कार्यक्रम बना कर आना होगा और हेलिकाप्टर से यात्रा करने की शर्त के कारण यह यात्रा उनके लिए बहुत महंगी साबित होगी। ऐसे में जबकि प्रदेश में फिलहाल सभी प्रकार की धार्मिक यात्राओं और मेले आदि को रद्द किया जा चुका है, अमरनाथ यात्रा संपन्न हो पाएगी कहना मुश्किल है।