प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि वह तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में शुक्रवार से बोरवेल में फंसे हुए तीन वर्षीय सुजीत की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बच्चे को बचाने का हरंसभव प्रयास चल रहा है। मोदी ने कहा कि उन्होंने बचाव प्रयासों के बारे में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी से बात की है। प्रधानमंत्री ने टि्वटर पर कहा, ‘‘मेरी दुआएं नन्हे बहादुर सुजीत विल्सन के साथ हैं।
सुजीत को बचाने के लिए चल रही कोशिशों के संबंध में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से बात की है। यह सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं कि वह सुरक्षित रहे।’’ सुजीत शुक्रवार शाम को नादुकट्टुपट्टी में अपने घर के समीप खेलते हुए बोरवेल में गिर गया था।
राजस्व प्रशासन के आयुक्त जे राधाकृष्णन ने कहा कि जिले के मनाप्पराई के पास नादुकट्टुपट्टी में बोरवेल में गिरे बच्चे को बचाने के प्रयास किसी भी कीमत बंद नहीं किए जाएंगे और काम जारी रहेगा। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘बचाव कार्यों को किसी भी कीमत पर बंद नहीं किया जाएगा। प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। साथ ही हम बच्चे के माता-पिता को कोई झूठी उम्मीद नहीं देना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा कि बचाव के प्रयासों में आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है। घटनास्थल पर डेरा डाले तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर ने कहा कि नया बोरवेल खोदे जाने से एक व्यक्ति को नीचे पहुंचने और बच्चे को बचाने में मदद मिलेगी।
मंत्री ने कहा कि कई विशेषज्ञ अभियान की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चट्टानी इलाका और बारिश एक बड़ी चुनौती है। लाखों लोग बच्चे के सही सलामत निकलने की प्रार्थना कर रहे हैं। गौरतलब है कि बच्चा शुक्रवार की शाम को नादुकट्टुपट्टी में अपने घर के पास खेलते समय बोरवेल में गिर गया था।
शुरुआत में वह 35 फुट की गहराई था लेकिन बचाव अभियान शुरू होने के बाद बच्चा फिसल कर 70 फुट की गहराई में चला गया। उन्होंने बताया कि शुक्रवार शाम साढ़े पांच बजे से लगातार बच्चे को ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान में छह टीमों को लगाया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ हमने लंबे समय तक बच्चे के रोने की आवाज सुनी लेकिन अब वह सुनाई नहीं दे रही है। हमारा मानना है कि बच्चा सुरक्षित है और सांस ले रहा है।’’ प्रशासन ने कहा कि वे बच्चे की हालत का आकलन नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उसके चारों ओर गिली मिट्टी की परत जमी हुई है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की विशेषज्ञ टीम बचाव कार्य में लगी हुई है। घटनास्थल पर शुक्रवार रात से जमे राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री सी विजयशंकर ने बताया कि बच्चों को बचाने के लिए सभी कोशिशें की जा रही है और अभियान में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
विजयशंकर ने कहा कि अगर बच्चा बेहोश भी होगा तो भी बचाया जाएगा। बच्चे को बचाने के लिए जारी अभियान के बीच द्रमुक एमके स्टालिन और एएमएमके नेता टीटीवी दिनाकरन सहित राज्य के लोग बच्चे की सलामती की दुआ मांग रहे। अधिकारियों ने बताया कि बच्चे को बचाने के लिए आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है।