नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आकाशवाणी पर प्रसारित रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 103वीं कड़ी में मुस्लिम महिलाओं के बिना ‘महरम’ हज यात्रा करने का एक ‘बड़ा बदलाव’ करार दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि इसका श्रेय हज नीति में किए गए परिवर्तन को जाता है। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को हज यात्रा में हुए परिवर्तनकारी बदलाव के लिए सऊदी सरकार का आभार भी जताया।
पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि इस बार उन्हें हज यात्रा से लौटी महिलाओं के कई पत्र भी मिले हैं, जो उनके मन को बहुत संतोष देते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये वे महिलाएं हैं, जिन्होंने हज यात्रा बिना महरम पूरी की। ऐसी महिलाओं की संख्या सौ-पचास नहीं, बल्कि 4,000 से ज्यादा है। यह एक बड़ा बदलाव है।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पहले मुस्लिम महिलाओं को बिना महरम ‘हज’ करने की इजाजत नहीं थी। इस्लाम में महरम वह पुरुष होता है, जो महिला का पति या ख़ून के रिश्ते में हो।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘बीते कुछ वर्षों में हज नीति में जो बदलाव किए गए हैं, उनकी भरपूर सराहना हो रही है। हमारी मुस्लिम माताओं और बहनों ने इस बारे में मुझे काफी कुछ लिखा है। अब, ज्यादा से ज्यादा लोगों को हज पर जाने का मौका मिल रहा है।’’
उन्होंने कहा कि हज यात्रा से लौटे लोगों ने और उनमें भी खासकर माताओं और बहनों ने चिट्ठी लिखकर उन्हें जो आशीर्वाद दिया है। वह अपने आप में बहुत प्रेरक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह ‘मन की बात’ के माध्यम से सऊदी अरब सरकार का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं कि उसने बिना महरम हज यात्रा पर गई महिलाओं के लिए विशेष रूप से महिला समन्वयकों की नियुक्ति की।
केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मंत्रालय ने वर्ष 2018 में 45 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को बिना महरम हज यात्रा पर जाने की अनुमति दी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 के जनवरी महीने में प्रसारित ‘मन की बात’ की कड़ी में इसकी घोषणा की थी।