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केएमसी चुनाव : हिंसा की छिटपुट घटनाएं, शाम पांच बजे तक 63.37 प्रतिशत मतदान

By भाषा | Updated: December 19, 2021 19:30 IST

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कोलकाता, 19 दिसंबर कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों के बाहर देसी बम फेंके जाने समेत हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बीच शाम पांच बजे तक करीब 40.5 लाख मतदाताओं में से 63.37 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि कोलकाता के सियालदह और खन्ना इलाकों में बम फेंके जाने की दो घटनाएं हुईं और स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस दलों को घटनास्थल पर भेजा गया।

उन्होंने कहा, ‘‘शाम पांच बजे तक कुल 63.37 प्रतिशत मतदान हुआ। कुछ घटनाओं को छोड़कर अभी तक मतदान शांतिपूर्ण रहा है। मतदान केंद्रों के बाहर देसी बम फेंके जाने की दो घटनाएं दर्ज की गयीं।’’

आयोग ने दावा किया कि घटना में केवल एक व्यक्ति घायल हुआ है, जबकि पुलिस ने बताया कि तीन लोग घायल हुए हैं, जिनमें से एक ने अपना पैर गंवा दिया है। पुलिस ने बताया कि मतदान के दौरान शांति भंग करने के आरोप में अभी तक 72 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अगर चुनावों के दौरान हिंसा में सत्तारूढ़ पार्टी का कोई भी नेता शामिल पाया जाता है तो ‘‘24 घंटे के भीतर’’ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बनर्जी ने मतदान के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘हम हिंसा के किसी भी रूप का समर्थन नहीं करते और अगर टीएमसी का कोई नेता स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया को रोकने में शामिल पाया जाता है, तो 24 घंटे के भीतर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मैं मीडिया से इस संबंध में फुटेज और सबूत मुहैया कराने का अनुरोध करता हूं।’’

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग के एक आदेश का पालन करते हुए चुनाव के दौरान मतदान के लिए जाते वक्त उनके सुरक्षा कर्मी बूथ के बाहर खड़े रहे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे सुरक्षा कर्मियों ने शनिवार रात को जारी आदेश का पालन किया...राज्य निर्वाचन आयुक्त सौरव दास ने केवल दो लोगों मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी को ही यह सुविधा दी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने दो बार सौरव दास को फोन किया और उन्हें यह बताने की कोशिश की कि मतदान शांतिपूर्ण तरीके से और बिना किसी डर के हो तथा प्रशासन इसमें किसी भी तरीके से हस्तक्षेप न करें।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस ने कई वार्ड में विपक्षी दलों के बूथ एजेंट को मतदान केंद्रों में प्रवेश करने से रोका। हालांकि, सत्तारूढ़ पार्टी ने इस आरोप को ‘‘निराधार’’ बताया है।

माकपा कार्यकर्ताओं ने बाघा जतिन इलाके में सड़क अवरुद्ध करते हुए आरोप लगाया कि उनके चुनाव एजेंट को बूथ के अंदर नहीं जाने दिया गया।

भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने एलान किया कि वह चुनावों में ‘‘हिंसा और कदाचार’’ के खिलाफ राज्य भर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेगी।

भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘हम केएमसी चुनावों में हो रही हिंसा के खिलाफ राज्यभर में शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करेंगे। राज्य प्रशासन की मदद से जिस तरीके से वोटों की लूट हुई है, वह हमारे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है। इसलिए हमने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए केंद्रीय बलों को तैनात करने के लिए कहा था।’’

कोलकाता के पूर्व महापौर और वरिष्ठ टीएमसी नेता फरहाद हाकिम ने आरोपों को ‘‘बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित’’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा जानती है कि उन्हें चुनावों में हार मिलेगी इसलिए वे अब ऐसे बहाने बना रहे हैं। कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर चुनाव शांतिपूर्ण रहे हैं।’’

वार्ड नंबर 22 में भाजपा की मौजूदा पार्षद और कोलकाता की पूर्व उप महापौर मीना देवी पुरोहित ने आरोप लगाया कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया। हालांकि, टीएमसी ने आरोप से इनकार किया है।

वार्ड नंबर 45 में कांग्रेस ने टीएमसी पर फर्जी मतदाताओं को लाने का आरोप लगाया और दोनों दलों के कार्यकर्ताओं बीच झड़प हुई। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने बूथ के भीतर कांग्रेस पार्षद संतोष पाठक के चुनावी एजेंट अमिताभ चक्रवर्ती की पिटाई की।

वार्ड के जैन स्कूल बूथ में टीएमसी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबर आयी। बाद में पुलिस ने स्थिति को काबू में किया।

टीएमसी ने केएमसी चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पार्टी उम्मीदवारों को बल का प्रयोग करने के खिलाफ आगाह किया था और कहा था कि जो भी हिंसा में शामिल पाया जाएगा, उसे पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा।

माकपा नेता सयानदीप मित्रा ने कहा, ‘‘कुछ इलाकों में देसी बम फेंके जाने और हिंसा की घटनाएं साबित करती हैं कि टीएमसी के अपने उम्मीदवारों को दिए गए निर्देश केवल कागजी थे और जमीनी स्तर पर कुछ भी लागू नहीं किया गया।’’

टीएमसी नेता पार्थ भौमिक ने आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा, ‘‘केएमसी के सभी वार्ड में मतदान शांतिपूर्ण रहा है’’ और पुलिस ने उन लोगों की पहचान कर ली है, जिन्होंने बम फेंके हैं।

अधिकारियों ने बताया कि रविवार सुबह सात बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और कोविड-19 रोधी दिशा-निर्देशों के सख्ती से पालन के बीच मतदान शुरू हुआ।

चुनाव में कुल 40,48,357 मतदाता 950 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने 4,949 मतदान केंद्रों में से 1,139 को ‘‘संवेदनशील’’ घोषित किया।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कोलकाता पुलिस के लगभग 23,000 कर्मियों को शहर भर में तैनात किया गया है और शहर में महत्वपूर्ण स्थानों पर 200 से अधिक पुलिस चौकियां भी स्थापित की गई हैं।

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस लगातार तीसरी बार निकाय बोर्ड में बने रहने के लिए चुनाव लड़ रही है। मतगणना 21 दिसंबर को होगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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