जम्मू: हालांकि सेना का मानना है कि फरवरी 2021 में सीमाओं पर सीजफायर के नवीनीकरण के उपरांत घुसपैठ थम सी गई थी। लेकिन, अब बदलते मौसम और बर्फबारी के बीच पाक सेना अपने यहां रुके पड़े आतंकियों को इस ओर धकेलने सकती है।
कश्मीर में पाक सीमा से सटे क्षेत्रों में पिछले कुछ महीनों से बढ़ती घुसपैठ की घटनाओं के बाद सेना का कहना था कि अगले 2 महीने एलओसी के लिए भारी साबित होंगे। क्योंकि पाक सेना अब सीजफायर के बावजूद घुसपैठ को कामयाब बनाने की खातिर कवर फायर भी देने लगी है, जिसके कारण सीजफायर दांव पर लगने लगा है।
सेना प्रवक्ता के मुताबिक, उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में घुसपैठ की घटनाएं कम तो हुई हैं पर जून से लेकर अब तक घुसपैठियों ने नाक में दम कर रखा है। यह बात अलग है कि सेना कहती थी कि अब आतंकियों को धकेलने के स्थान पर तस्करी के प्रयास ज्यादा हो रहे हैं जिनमें नशीले पदार्थों के अतिरिक्त गोला-बारूद भी लाने की कोशिश की जा रही है।
साल 2020 में एलओसी पर 99 और 2021 में 73 घुसपैठ- आंकड़ें अगर आंकड़ों पर एक नजर दौड़ाएं तो साल 2020 में एलओसी पर 99 और 2021 में 73 घुसपैठ के प्रयास हुए। वहीं, पिछले साल और अबकी बार यह फिर से रिकॉर्ड तोड़ने लगे हैं। कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह भी कई बार अपनी प्रेस कॉफ्रेंस में कह चुके है कि कश्मीर में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के प्रयासों के लिए पाक सेना घुसपैठ पर जोर दे रही है।
ऐसा ही सेना की वज्र डिवीजन के जीओसी गिरीश कालिया ने कहा कि दोनों मुल्कों के बीच सीजफायर का वारदात बढ़ रही है। उन्होंने आगे कहा कि सूचनाएं कहती हैं कि पाक सेना घुसपैठ को और बढ़ाने की खातिर अपनी योजनाओं पर काम कर रही है।
जीओसी गिरीश कालिया ने कहा कि उन्हें पछाड़ने की खातिर भारतीय सेना ने भी कमर कस ली है और वे मानते हैं कि अगले 2 महीने एलओसी पर भारी साबित हो सकते हैं।