नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन सोमवार को भी जारी है। दिल्ली के बॉर्डर पर लगभग ढेर हजार किसानों की एक दिन की भूख हड़ताल शुरू हो गई है। इसके अलावा, किसान देशभर में धरना देंगे। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन की वजह से दिल्ली आने वाले कई रास्ते सोमवार को भी बंद रहे।
एनडीटीवी के मुताबिक, किसान नेता बूटा सिंह ने बताया कि इस किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए सरकार हर तरह का हथकंडा अपना रही है। कभी आतंकी कहती है, कभी नक्सल कहती है, कभी पाकिस्तान तो कभी चीन की बात करती है। हमें लोगों का समर्थन है। सरकार की कोशिश फूट डालो है, लेकिन किसान डटे हुए हैं।
1-किसान नेता बलदेव सिंह ने कहा, ‘‘किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने सिंघू बॉर्डर पर भूख हड़ताल शुरू कर दी है।’’ भूख हड़ताल सुबह आठ बजे शुरू हुई और शाम पांच बजे तक चलेगी। सरकार के साथ वार्ता बेतनतीजा रहने के बाद किसानों ने आंदोलन को तेज कर दिया है।
2-दिल्ली की सीमा पर जारी आंदोलन से और भी किसानों के जुड़ने की संभावना है। किसान नेताओं ने दावा किया कि देश के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन के आह्वान के तहत अनेक जिलों में भी विरोध प्रदर्शन चल रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सोमवार को लोगों से अपील की कि वे जहां पर हैं वहीं पर किसानों के समर्थन में उपवास रखें और भरोसा जताया कि अंत में किसानों की जीत होगी। केजरीवाल भी सोमवार को प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में एक दिवसीय उपवास रख रहे हैं।
3-किसानों द्वारा नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को तेज करने के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को जोर दिया कि कृषि क्षेत्र ''मातृ क्षेत्र'' है और इसके खिलाफ कोई भी प्रतिगामी कदम उठाने का सवाल ही नहीं उठता। उद्योग चैंबर ‘फिक्की’ की वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि कृषि क्षेत्र में हाल में किसानों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखकर सुधार किये गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा ''चर्चा एवं वार्ता'' के लिए तैयार है। रक्षा मंत्री ने कहा, '' हमारे कृषि क्षेत्र के खिलाफ कभी कोई प्रतिगामी कदम उठाने का सवाल ही नहीं उठता। हाल के सुधारों को भारतीय किसानों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखकर किया गया है।''
4-केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के एक दिन के उपवास के समर्थन में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के अनेक जिलों में प्रदर्शन किया। कई स्थानों पर उन्हें हिरासत में भी लिया गया। राजधानी लखनऊ के कैसरबाग इलाके में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई। सपा कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। महिला कार्यकर्ताओं समेत पार्टी के कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
5-केंद्र द्वारा सितंबर में लागू कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली के सिंघू, टिकरी, गाजीपुर और चिल्ला बॉर्डर (दिल्ली-नोएडा सीमा) पर दो हफ्तों से डेरा डाले हुए हैं। यातायात पुलिस ने ट्वीट कर बताया,, ‘‘ सिंघू, औचंदी, पियाउ मनियारी, सभोली और मंगेश सीमाएं बंद हैं। इसलिए यात्री वैकल्पिक लामपुर, सफियाबाद और सिंघू स्कूल टोल नाका बार्डर के रास्ते आवागमन करें। मुकर्बा और जीटी करनाल रोड पर मार्ग बदला गया है। यात्री बाहरी रिंग रोड और एनएच-44 से बचें।’’
6-केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग को लगातार दूसरे दिन सोमवार को भी बंद रखा। किसान राजस्थान के अलवर जिले के शाहजहांपुर में जमे हैं वहीं राजस्थान से दिल्ली को कूच रहे किसानों को राजस्थान हरियाणा सीमा पर हरियाणा पुलिस ने रोक दिया। कई किसान संगठनों ने जयसिंहपुर-खेरा सीमा पर डेरा डाला है और अपनी मांग को लेकर एक दिन की भूख हड़ताल कर रहे हैं। स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव और अन्य किसान नेता विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं।
7-दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में सोमवार को उपवास रखा। किसान नेता दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ दिनभर की भूख हड़ताल कर रहे हैं। एक ट्वीट में गोयल ने कहा, "आज किसानों के एक दिवसीय उपवास के समर्थन में दिल्ली विधानसभा में गांधी जी की प्रतिमा के नीचे एक दिन के उपवास पर बैठा हूं।" मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों समेत सत्तारूढ़ आप के नेता व कार्यकर्ता किसानों के समर्थन में उपवास कर रहे हैं।
8-आप नेता और प्रवक्ता राघव चड्ढा ने सोमवार को कहा कि नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को जो भी ‘राष्ट्र-विरोधी’ कह रहे हैं, वे खुद देश के खिलाफ हैं और उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए। आम आदमी पार्टी विधायक ने कहा कि कुछ लोग अन्नदाता किसानों को ‘राष्ट्र-विरोधी’ कह रहे हैं। चड्ढा ने कहा, ‘‘किसानों को राष्ट्र-विरोधी कहने वालों को मैं बताना चाहता हूं कि राष्ट्र-विरोधी आप हैं और आपको पाकिस्तान चले जाना चाहिए। उनका भारत में कोई स्थान नहीं है।’’ आप नेता की टिप्पणियों पर दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता वीरेंद्र बब्बर ने कहा कि सभी लोग किसानों का समर्थन करते हैं और भाजपा भी करती है।
9-बड़ी संख्या में जमा हुए किसानों ने रविवार प्रमुख दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को उस समय बाधित कर दिया ,जब पुलिस ने उन्हें हरियाणा-राजस्थान सीमा पर उन्हें दिल्ली जाने से रोक दिया। राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के आलावा सोमवार को देश के सभी जिला मुख्यालय पर भी किसान धरना देंगें। राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने शहर की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
10-सुरक्षा घेरे के तहत दिल्ली पुलिस ने अवरोधक लगाए हैं जहां रैपिड एक्शन फोर्स (आरएफ) के जवानों के साथ अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। इसके बाद टोल नाका के पास मुख्य अवरोध लगाए गए हैं जहां पर पुलिस जवानों की भारी तैनाती देखी जा रही है। दिल्ली यातायात पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन के चलते यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग चुनने का परामर्श जारी किया है।