नयी दिल्ली, एक नवंबर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को कहा कि सुशासन को सबसे निचले स्तर तक पहुंचाया जाना चाहिए। यह जानकारी एक आधिकारिक बयान से मिली।
नायडू ने भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) के सामान्य निकाय की 67वीं वार्षिक बैठक की अध्यक्षता यहां वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से करते हुए कहा कि सरकार ऐसी नीतियां और कार्यक्रम तैयार कर रही है जिनका उद्देश्य विकास की गति में तेजी लाकर लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि नायडू ने कहा कि लोक प्रशासन के सिद्धांत और व्यवहार के लिए समर्पित एक प्रमुख संस्थान के रूप में आईआईपीए को वितरण प्रणाली में क्षमता अंतराल को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘आईआईपीए देश में शासन सुधारों की नयी लहर को उत्प्रेरित करने के लिए एक उपयुक्त संगठन है।’’
प्रधानमंत्री जनधन योजना, आयुष्मान भारत और हाल ही में घोषित 100 लाख करोड़ रुपये के राष्ट्रीय अवसंरचना मास्टर प्लान 'गति शक्ति' जैसी सरकार द्वारा विभिन्न पहलों का उल्लेख करते हुए, नायडू ने कहा कि भारत स्पष्ट रूप से एक परिवर्तनकारी पथ पर है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों, उनकी आशाओं और आकांक्षाओं, उनकी जरूरतों और अधिकारों, उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम प्रत्येक भारतीय को सामाजिक परिवर्तन का एक सक्रिय एजेंट बना रहे हैं।’’
कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि एक ऐतिहासिक निर्णय के तहत आईआईपीए सदस्यता, जो पहले केवल सेवानिवृत्त अधिकारियों के लिए खुली थी, अब सेवारत अधिकारियों के लिए भी खोल दी गई है।
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