नई दिल्ली: दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति और दिग्गज कांग्रेस नेता रहे प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने बीते मंगलवार को कांग्रेस की मौजूदा विचारधारा और कार्यशाली पर गंभीर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को अपना नेतृत्व नेहरू-गांधी परिवार के बाहर भी तलाशना चाहिए।
'प्रणब माई फादर: ए डॉटर रिमेम्बर्स' नाम से किताब लिखने वाली शर्मिष्ठा ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर किये एक टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस या गांधी-नेहरू परिवार ने प्रणब मुखर्जी को "दान" में कोई पद नहीं दिया।
शर्मिष्ठा ने एक्स पर किये पोस्ट में लिखा, “कांग्रेस या गांधी-नेहरू परिवार ने मेरे पापा को 'दान' में कोई पद नहीं दिया। मेरे पिता ने पद को अर्जित किया और वो इसके हकदार थे। क्या गांधीजी उन सामंतों की तरह हैं, जिनसे उम्मीद की जाती है कि उन्हें चार पीढ़ियों तक श्रद्धांजलि दी जाएगी?''
'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर परोक्ष कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, “वैसे वर्तमान कांग्रेस पार्टी की विचारधारा क्या है? चुनाव से ठीक पहले वो शिवभक्त बन रहे हैं?”
मालूम हो कि बीते सोमवार को 17वें जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल से शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जैसा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी डायरी में लिखा है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी में वास्तविक लोकतंत्र की बहाली बेहद जरूरी है। इसके लिए पार्टी जमीनी स्तर पर सदस्यता अभियान चलाए, पार्टी के भीतर संगठनात्मक चुनाव हों और नीतिगत फैसलों की प्रक्रिया में हर कार्यकर्ता को जमीनी स्तर पर शामिल करने की जरूरत है।
उन्होंने पार्टी के लगातार खराब प्रदर्शन पर कहा, “इसके लिए कोई जादू की छड़ी नहीं है। राहुल गांधी को परिभाषित करना मेरा काम नहीं है। किसी भी व्यक्ति को परिभाषित करना संभव नहीं है। अगर कोई मुझसे मेरे पिता को परिभाषित करने के लिए कहता है तो शायद मैं अपने पिता को भी नहीं समझा सकती।"
इसके अलावा कांग्रेस नेतृत्व के मुद्दे पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा ने कहा कि इसका जवाब तो पार्टी नेताओं को ही देना होगा।
उन्होंने कहा, "लेकिन एक कांग्रेस समर्थक और एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में मैं कांग्रेस पार्टी के बारे में चिंतित हूं और निश्चित रूप से अब समय आ गया है कि कांग्रेस को अपना नेतृत्व तलाशने के लिए नेहरू-गांधी परिवार से बाहर देखना चाहिए।"
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी ने यह भी कहा, "कांग्रेस को बेहद गंभीरता से आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि क्या वह आज की तारीख में सचमुच अपनी पुरानी विचारधारा को आगे बढ़ा रही है। क्या बहुलवाद, धर्मनिरपेक्षता, सहिष्णुता, समावेशिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जो कि कांग्रेस के मूल सिद्धांत हैं। उसका पार्टी में व्यवहारिक रूप से पालन किया जा रहा है?"