Lok Sabha Elections 2024: "मोदीजी ने कहा, अडानी-अंबानी से कांग्रेस को टेंपो में पैसा मिलता है, लेकिन उनमें हिम्मत नहीं कि वो इसकी जांच कराएं", राहुल गांधी का प्रधानमंत्री पर हमला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: May 19, 2024 07:27 IST2024-05-19T07:18:50+5:302024-05-19T07:27:39+5:30
राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी उनके साथ इसलिए बहस नहीं कहना चाहते हैं क्योंकि उन्हें वो पसंदीदा उद्योगपतियों के साथ अपने "संबंधों" के बारे में सवालों का जवाब नहीं देना चाहते हैं और वह यह भी नहीं बताना चाहते कि उन्होंने कैसे चुनावी बांड का "दुरुपयोग" किया है।

फाइल फोटो
नई दिल्ली:कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एकबार फिर से सार्वजनिक बहस की चुनौती देते हुए दावा किया कि वह तो बहस के लिए तैयार हैं लेकिन प्रधानमंत्री उसके लिए सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कुछ पसंदीदा उद्योगपतियों के साथ अपने "संबंधों" के बारे में सवालों का जवाब देने में असमर्थ हैं और वह यह भी नहीं बताना चाहते कि उन्होंने कैसे चुनावी बांड का "दुरुपयोग" किया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार राहुल गांधी ने दिल्ली में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, "पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हीं 5-10 पत्रकारों को 30-35 इंटरव्यू दिए, जो चुनिंदा हैं। नरेंद्र मोदी जी लोकतंत्र में बहस होनी चाहिए , मैं बहस के लिए तैयार हूं, मोदीजी जहां चाहें मुझसे बहस कर सकते हैं, आपको क्या लगता है, क्या वो मुझसे बहस करने आएंगे? वो नहीं कर सकते हैं...नरेंद्र मोदी बहस नहीं कर सकते हैं।''
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से पूछे जाने वाले सवाल का जिक्र करते हुए कहा, "अडानी के साथ आपका क्या रिश्ता है? आप चुनावी बांड के नाम पर 'धन उगाही का कारोबार' क्यों चला रहे हैं? आप किसानों के खिलाफ काले कानून क्यों लाए?" जब लोग कोरोना से मर रहे थे तो आपने उनसे थालियां बजाने को क्यों कहा? आपने शी जिनपिंग को झूले पर झुलाया, फिर उनकी सेना ने भारत की जमीन पर कब्जा कैसे कर लिया?"
पीएम मोदी के हालिया दावे का जिक्र करते हुए कि कांग्रेस को अडानी-अंबानी से टेंपो में पैसा मिलता है, राहुल ने कहा, "पीएम मोदी बात करते हैं कि कांग्रेस को अडानी-अंबानी से टेंपो में पैसा मिलता है, लेकिन वह इसकी जांच कराने की हिम्मत नहीं करते।"
उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी ने छोटे कारोबारियों के लिए कुछ नहीं किया लेकिन अडानी-अंबानी जैसे उद्योगपतियों को 16 लाख करोड़ रुपये दे दिए।
कांग्रेस नेता ने कहा, ''नरेंद्र मोदी से आप जो भी कहना चाहते हैं मुझे बताएं, मैं उनसे भाषणों में वही कहलवाऊंगा। मैंने उनसे कहा कि नरेंद्र मोदी, आप अडानी-अंबानी का नाम मत लीजिए। आपको उनके नाम नहीं लेना चाहिए। 2-3 दिन बाद नरेंद्र मोदी कहने लगे "अडानी-अंबानी, अडानी-अंबानी।"
कई विपक्षी नेताओं के सीबीआई-ईडी कार्रवाई के डर से भाजपा में शामिल होने पर राहुल ने कहा, ''हम नहीं चाहते कि 'डरपोक' नेता हमारे साथ रहें, हम केवल 'बब्बर शेर' चाहते हैं।''
उन्होंने कहा, "केजरीवाल और हेमंत सोरेन को जेल में डाला गया। कांग्रेस नेताओं की भी एक सूची है। एक और व्यक्ति को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। हमारी लड़ाई संविधान को बचाने के लिए है। हमारा लक्ष्य इस संविधान की रक्षा करना है। इसलिए हमें डरने वाले लोगों की जरूरत नहीं है। हमें आपके जैसे 'बब्बर शेर' की जरूरत है। अगर यह संविधान चला जाता है जैसा बीजेपी और पीएम मोदी चाहते हैं तो, सबसे पहले हमें इसकी रक्षा करनी है क्योंकि यह संविधान ही आपका भविष्य, आपका सपना और आपके दिल की आवाज है।"
राहुल गांधी ने आगे कहा कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो प्रत्येक गरीब परिवारों से एक महिला का चयन किया जाएगा और उनके खाते में प्रति वर्ष 1 लाख रुपये जमा किए जाएंगे।
उन्होंने कहा, "भारत के गरीब लोगों की एक सूची तैयार की जाएगी। इनमें से प्रत्येक परिवार से एक महिला का चयन किया जाएगा और इंडिया अलायंस द्वारा उस महिला के खाते में प्रति वर्ष 1 लाख रुपये जमा किए जाएंगे। 8000 रुपये प्रति माह ठक, ठका ठक, ठका ठक। मैंने अपने भाषण में 'ठका ठक' का इस्तेमाल किया। नरेंद्र मोदी ने अब अपने सभी भाषणों में 'ठका ठक, फटा फट' का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। आप उनसे जो भी कहना चाहते हैं, मैं उनसे कहलवाऊंगा।''
पीएम मोदी के इंटरव्यू के उस दावे का जिक्र करते हुए कि ईद के दिन हमारे घर में खाना नहीं बनता था और सभी मुस्लिम परिवारों से मेरे यहां खाना आता था, राहुल गांधी ने कहा कि यह नए पीएम हैं क्योंकि उन्हें पता है कि वह बाहर जा रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा, "पहले, वह नफरत फैलाते थे और एक समुदाय को दूसरे के खिलाफ खड़ा करते थे। कुछ दिन पहले कुछ पत्रकारों ने उनका साक्षात्कार लिया और नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब वह बच्चे थे, तो मुस्लिम पड़ोसी ईद पर उनके घर खाना भेजते थे। ठीक है लेकिन नरेंद्र मोदीजी आप शाकाहारी हैं। इसका मतलब है कि आप शाकाहारी नहीं हैं। आप पूरे देश को बताते हैं कि आप शाकाहारी हैं, लेकिन जब आप बच्चे थे तो मुसलमानों के यहां से ईद पर आपके यहां खाना मिलता था। यह नया नरेंद्र मोदी है वह बाहर जा रहा है।''
गुजरात में गोधरा के बाद हुए दंगों का जिक्र करते हुए जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे, पीएम मोदी ने न्यूज 18 के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि उनके विरोधियों ने 2002 (गोधरा दंगों) के बाद मुसलमानों के बीच उनकी छवि "खराब" कर दी।
पीएम मोदी ने कहा था, "यह मुद्दा मुसलमानों के बारे में नहीं है। भले ही व्यक्तिगत रूप से मुसलमान मोदी के कितने भी समर्थक क्यों न हों, एक विचार की लहर है जो उन्हें आदेश देती है, 'यह करो, वह करो'। मेरे घर में, मेरे आसपास सभी मुस्लिम परिवार हैं। ईद हमारे घर में भी त्यौहार मनाया जाता था और हमारे घर में अन्य त्योहार भी होते थे, ईद के दिन हमारे घर में खाना नहीं बनता था, जब मुहर्रम शुरू होता था तो हमारे यहां खाना आता था ताजिया के नीचे से, हमें सिखाया गया। मैं आज भी उस दुनिया में बड़ा हुआ हूं, 2002 (गोधरा) के बाद मेरी छवि खराब हो गई थी।''