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कोराना वायरस से हुई मौत के बाद शव को कब्रिस्तान में दफनाने का स्थानीय लोगों ने किया विरोध, पुलिस की लेनी पड़ी मदद

By भाषा | Updated: March 30, 2020 05:59 IST

अहमदाबादः कोविड-19 की मरीज महिला 46 वर्ष की थी और यहां स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल में शनिवार को उसकी मौत हो गयी थी। इसके बाद उसी दिन शाम को उसके शव को कागड़ापीठ में उसके घर के पास स्थित कब्रिस्तान ले जाया गया था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कब्रिस्तान में स्थानीय लोग एकत्रित हो गए और शव को दफनाने का विरोध करने लगे। 

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ठळक मुद्देअहमदाबाद में कोरोना वायरस से एक महिला की मौत होने के बाद जब उसके शव को घर के पास स्थित कब्रिस्तान में दफनाने ले जाया गया तो कई स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया।पुलिस ने रविवार को बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किए जाने के बाद पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारी शव को दूसरे कब्रिस्तान में ले गए जहां उसे दफनाया गया। 

अहमदाबादः अहमदाबाद में कोरोना वायरस से एक महिला की मौत होने के बाद जब उसके शव को घर के पास स्थित कब्रिस्तान में दफनाने ले जाया गया तो कई स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और आशंका जताई कि इससे संक्रमण फैलने का खतरा है। पुलिस ने रविवार को बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किए जाने के बाद पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारी शव को दूसरे कब्रिस्तान में ले गए जहां उसे दफनाया गया। 

कोविड-19 की मरीज महिला 46 वर्ष की थी और यहां स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल में शनिवार को उसकी मौत हो गयी थी। इसके बाद उसी दिन शाम को उसके शव को कागड़ापीठ में उसके घर के पास स्थित कब्रिस्तान ले जाया गया था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कब्रिस्तान में स्थानीय लोग एकत्रित हो गए और शव को दफनाने का विरोध करने लगे। 

उनका कहना था कि शव को उस कब्रिस्तान में दफनाने से कोरोना वायरस संक्रमण फैलने का खतरा है। लोगों द्वारा विरोध करने के बाद शव को दानिलिमड़ा क्षेत्र में स्थित कब्रिस्तान ले जाया गया। वहां भी स्थानीय लोगों ने शव को दफनाने का विरोध किया। 

अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को समझाने का प्रयास किया कि शव को चिकित्सकीय नियम के अनुसार पूरी तरह साफ किया गया है और संक्रमण फैलने का खतरा नहीं है। अधिकारियों द्वारा समझाने बुझाने के बाद लोग मान गए और शव को दफनाने की अनुमति दे दी। 

इस बीच कोरोना वायरस फैलने के खतरे को कम करने के इरादे से गुजरात सरकार ने रविवार को 1,200 कैदियों को दो महीने के लिए पैरोल और अंतरिम जमानत पर छोड़ने का निर्णय लिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य के गृह विभाग को ऐसे कैदियों की सूची बनाने को कहा गया है जिन्हें दो महीने के लिए छोड़ा जा सके। इन कैदियों को स्थानीय अदालतों के न्यायाधीशों की मदद से पैरोल और अंतरिम जमानत दी जाएगी। 

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