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छत्तीसगढ़ ट्रेन दुर्घटना जांच: परीक्षा में फेल और ट्रेन चलाते समय फोन पर लेता था जानकारी?, रेलवे ने अयोग्य लोको पायलट को किया नियुक्ति, 12 की मौत और 19 यात्री घायल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 11, 2025 15:41 IST

Chhattisgarh train accident investigation: एमईएमयू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेन संख्या 68733 में तैनात लोको पायलट ने इस साल नौ जून को ‘योग्यता परीक्षा’ दी लेकिन वह इसमें उत्तीर्ण नहीं हो सका।

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ठळक मुद्देChhattisgarh train accident investigation: लोको पायलट सहित 12 लोगों की मौत हो गई थी और 19 यात्री घायल हुए थे।Chhattisgarh train accident investigation: नियमों का ज्ञान, समय पर निर्णय लेना और प्रतिक्रिया समय शामिल हैं।Chhattisgarh train accident investigation: फोन करके पूछा था कि अलार्म चेन पुलिंग होने पर उसे कैसे रीसेट किया जाए।

नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ में चार नवंबर को हुई रेल दुर्घटना पर रेल सुरक्षा आयुक्त की जांच रिपोर्ट में रेल प्रशासन पर एक ऐसे अयोग्य लोको पायलट को तैनात करने का आरोप लगाया गया जो न केवल अनिवार्य योग्यता परीक्षा में असफल रहा था बल्कि ट्रेन चलाते समय फोन पर कई सुरक्षा संबंधी निर्देश भी लेता रहता था। हाल ही में रेलवे बोर्ड को सौंपी गई जांच रिपोर्ट बिलासपुर संभाग में एक स्थानीय यात्री ट्रेन और एक मालगाड़ी के बीच हुई टक्कर से संबंधित है, जिसमें लोको पायलट सहित 12 लोगों की मौत हो गई थी और 19 यात्री घायल हुए थे।

कोलकाता स्थित दक्षिण पूर्वी सर्कल के रेल सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) बृजेश कुमार मिश्रा ने रिपोर्ट में बताया, “एमईएमयू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेन संख्या 68733 में तैनात लोको पायलट ने इस साल नौ जून को ‘योग्यता परीक्षा’ दी लेकिन वह इसमें उत्तीर्ण नहीं हो सका।

लोको पायलट द्वारा ट्रेन के संचालन के दौरान मुख्य लोको निरीक्षक से मामूली मुद्दों पर भी मार्गदर्शन लेने के लिए किए गए फोन कॉल भी उसके ज्ञान की कमी को दर्शाते हैं।” मिश्रा ने बताया, “सहायक लोको पायलट द्वारा भी यह देखा गया कि लोको पायलट में एमईएमयू ट्रेन को चलाने के लिए आवश्यक गुणों की कमी थी, जिनमें नियमों का ज्ञान, समय पर निर्णय लेना और प्रतिक्रिया समय शामिल हैं।

उपरोक्त कारणों के मद्देनजर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि तैनात लोको पायलट ट्रेन संख्या 68733 पर काम करने के लिए उपयुक्त नहीं था।” लोको पायलट के सीयूजी फोन के कॉल रिकॉर्ड का विश्लेषण करते हुए रेल सुरक्षा आयुक्त को दो ऐसे विशिष्ट मामले मिले, जब उसने ट्रेन संचालन से संबंधित सुरक्षा नियमों के बारे में जानकारी लेने के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारी को फोन किया था।

जांच रिपोर्ट में बताया गया, “कॉल रिकॉर्ड से पता चला कि लोको पायलट ने ट्रेन चलाने के दौरान दो कॉल किए थे। यह जानकारी मिली कि पूर्वाह्न 10 बजकर 20 मिनट पर जब ट्रेन संख्या 68734 जीटीडब्ल्यू (गटोरा) स्टेशन पर खड़ी थी, तब लोको पायलट ने सीएलआई को फोन करके पूछा था कि अलार्म चेन पुलिंग होने पर उसे कैसे रीसेट किया जाए।”

रिपोर्ट के मुताबिक, “दोपहर एक बजकर 11 मिनट पर लोको पायलट ने सीएलआई को फोन करके यह जानने की कोशिश की कि ट्रेन के खड़े होने की स्थिति में पार्किंग ब्रेक कैसे हटाया जाए।” मिश्रा के अनुसार, जिन समस्याओं के लिए लोको पायलट ने सीएलआई से संपर्क किया था, वे सामान्य प्रकृति की थीं और लोको पायलट को स्वयं ही उनका समाधान कर लेना चाहिए था।

रेल सुरक्षा आयुक्त ने रेलवे बोर्ड के ट्रेनों के संचालन संबंधी नियमों का हवाला देते हुए बताया कि एमईएमयू ट्रेन मूल रूप से एक व्यक्ति द्वारा चलाई जाने वाली ट्रेन है और प्रावधानों के अनुसार इसे चलाने के लिए योग्यता परीक्षा अनिवार्य है। उन्होंने दोहराया, “लोको पायलट ने इस साल नौ जून को योग्यता परीक्षा दी, लेकिन वह इसे उत्तीर्ण नहीं कर सका और फेल हो गया।

इसलिए, यह स्पष्ट है कि ट्रेन संख्या 68733 पर तैनात लोको पायलट इस ट्रेन में मोटरमैन के रूप में काम करने के लिए योग्य नहीं था।” अधिकरी ने बताया कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर) के विद्युत विभाग के संबंधित अधिकारियों का मानना ​​है कि हालांकि लोको पायलट योग्यता परीक्षा में असफल रहा और मोटरमैन के रूप में काम करने के लिए योग्य नहीं था,

फिर भी उसे सामान्य ट्रेनों की तरह सहायक लोको पायलट के साथ एमईएमयू चलाने के लिए तैनात करने पर कोई प्रतिबंध नहीं था। रेल सुरक्षा आयुक्त ने इस तर्क को ‘अस्वीकार्य’ बताते हुए कहा कि रेलवे बोर्ड के नियम स्पष्ट रूप से योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण किए बिना लोको पायलटों की तैनाती को प्रतिबंधित करते हैं।

उन्होंने बताया कि रेलवे बोर्ड द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, 200 किलोमीटर या उससे अधिक की दूरी तय करने वाली एमईएमयू ट्रेनों में सहायक लोको पायलट की तैनाती आवश्यक है, चाहे ट्रेन का संचालन मोटरमैन द्वारा किया जा रहा हो या लोको पायलट द्वारा। अधिकारी ने बताया, “इसलिए ट्रेन संख्या 68733 को चलाने के लिए सहायक लोको पायलट की आवश्यकता थी, भले ही इसे मोटरमैन द्वारा चलाया जा रहा हो।”

टॅग्स :छत्तीसगढ़Railway Policeभारतीय रेलRaipur
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