नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव के बीच, विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि नई दिल्ली ने ओटावा में खालिस्तानी आतंकवादियों की हत्या से संबंधित चल रहे घटनाक्रम पर चिंता जताई है और आरोपों को "राजनीति से प्रेरित" बताया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ओटावा ने खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारतीय एजेंटों के बीच संबंध के संबंध में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों का कोई सबूत साझा नहीं किया है। उन्होंने हाउस ऑफ कॉमन्स में ट्रूडो द्वारा किए गए दावों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि इससे दोनों देशों के संबंधों को नुकसान पहुंचा है।
बागची ने कहा, "कनाडा में आतंकियों और चरमपंथियों को सुरक्षित आश्रय प्रदान किया जा रहा है, हम चाहते हैं कि कनाडा सरकार ऐसा न करे और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे जिन पर आतंकवाद के आरोप हैं या उन्हें यहां भेजें... हमने पिछले कुछ वर्षों में 20-25 से अधिक लोगों के प्रत्यर्पण या कार्रवाई के लिए कनाडा सरकार से अनुरोध किया है। लेकिन किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली।"
वहीं कनाडा के आरोपों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "हां ये आरोप कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री मोदी के सामने उठाए थे और प्रधानमंत्री मोदी ने इन्हें खारिज कर दिया था।"
वहीं कनाडा के राजनयिकों को धमकियों की रिपोर्ट के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, हम अपने दायित्वों को बहुत गंभीरता से लेते हैं। हम निश्चित रूप से भारत में विदेशी राजनयिकों को सभी तरह की सुरक्षा प्रदान करेंगे। हम कनाडा से भी उम्मीद करते हैं कि वे कनाडा में हमारे राजनयिकों के प्रति इसी तरह की संवेदनशीलता दिखाएंगे।
वहीं कनाडा में रहने वाले भारतीय छात्रों के बारे में उन्होंने कहा, "हमने सावधानी बरतने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। हमारा वाणिज्य दूतावास वहां काम कर रहा है। हमने कहा है कि अगर उन्हें कोई समस्या आती है, तो वे हमारे वाणिज्य दूतावास से संपर्क करें...हमारी वीजा पॉलिसी से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि वे भारत के नागरिक हैं।"