पटनाःबिहार कैबिनेट से बर्खास्त किए जाने के बाद विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख मुकेश सहनी ने आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा कि वह सत्ता में रहे या नहीं रहे, लेकिन उनके जिंदा रहते कोई भी मछुआरों का हक नहीं मार सकता.
उन्होंने कहा कि भाजपा निषाद समाज को आरक्षण दे दे, मैं अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर हरिद्वार चला जाऊंगा और कीर्तन करूंगा. उन्होंने कहा कि मेरे 16 महीने के मंत्री कार्यकाल में मैंने राज्य की 13 करोड़ जनता की सेवा करना का प्रयास किया. सभी जाति- धर्म के लोगों के लिए काम किया. हम एनडीए में थे.
हमारे चार विधायक थे. एक विधान परिषद सदस्य था. हिन्दुस्तान में 75 साल में यह पहली बार हुआ कि बिहार में एक पिछडे़ के बेटे ने सरकार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने कहा कि बताइए यह सरकार हमारा, यह घर हमारा और हमारे घर से ही मुझे बेदखल कर दिया. उन्होंने कहा कि बिहार के भविष्य के लिए पशुपालन एवं मत्स्य क्षेत्र में कुछ निर्णायक कार्य को गति प्रदान किया.
बिहार की समस्त जनता, एनडीए के सभी सहयोगी दल एवं माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मुझे यह अवसर देने के लिए आभार. सहनी ने कहा कि आज उनके पास पैसा है ताकत और पावर है तो वह इसका फायदा उठा रहे हैं. कल मेरे पास और हमारे लोगों के पास भी ताकत होगा. मुझे पूरा यकीन है कि हमारे लोग यह लड़ाई जीतेंगे.
इस दौरान उन्होंने इस्तीफा नहीं दिए जाने का बचाव करते हुए कहा कि यह घर मेरा था. उन्हें कोई हक नहीं था कि मुझे मेरे ही घर से बाहर निकाल सके. पूर्व मंत्री ने कहा कि मैं निषाद समाज को एससी-एसटी आरक्षण, अतिपिछड़ा समाज के आरक्षण को 15 फीसदी बढ़ाने एवं बिहार के सम्मान और हर जाति धर्म के संपूर्ण विकास की लड़ाई के लिए समर्पित हूं.
सहनी ने कहा कि मैं जनता के बीच जाऊंगा. उन्हें अपने साथ हुए अन्याय के बारे में बताऊंगा. अब जनता ही मेरा न्याय करेगी. उन्होंने कहा कि उन्हें किसी की दया या कृपा पर मंत्री पद नहीं मिला था, लेकिन मेरी बढ़ती ताकत भाजपा को चिंतित कर रही थी, लिहाजा साजिश कर मुझे मंत्री पद से हटवाया गया.
भाजपा ने उन पर भ्रष्टाचार के जो भी आरोप लगाए हैं, उन्होंने उसकी जांच कराने की चुनौती दी और कहा कि वे बिंदुवार आरोप लगाए और मैं उसका सार्वजनिक मंच से जवाब दूंगा. उन्होंने कहा वे देश के पहले मंत्री है, जिन्हें काम करने से रोका गया तो उन्होंने तीन महीने में डेढ़ सौ पीत पत्र जारी किए. मुख्यमंत्री तक के संज्ञान में मामला लेकर आया.
मुकेश सहनी ने कहा कि भाजपा के टॉप लीडर के साथ मेरी डील है कि छह साल तक मुझे विधान परिषद का सदस्य बनाया जाएगा. अब भाजपा को अपनी यह डील पूरी करनी चाहिए. मुकेश सहनी ने इस दौरान यह साफ किया कि वह किसी पार्टी के अनुकंपा पर विधान परिषद में नहीं है. अगर भाजपा इस डील को पूरी नहीं करती है, तो आनेवाले समय में देखा जाएगा कि क्या निर्णय लेते हैं.
सहनी ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कह रहे हैं कि चुनाव जीतने के बाद वीआईपी के भाजपा में विलय का मैंने वादा किया था. लेकिन हकीकत यह है कि वे झूठ बोल रहे हैं. मैंने अपने समाज के हक-अधिकार के लिए पार्टी का गठन किया था. वे यदि चाहते हैं वीआईपी का भाजपा में विलय हो तो सबसे पहले मेरे समाज को आरक्षण दे दें.
सहनी ने शाहनवाज हुसैन पर भी वार किया और कहा मैंने कभी भाजपा के नेता का गलत तरीके से नाम नहीं लिया. शाहनवाज खुद अपने नेताओं को अपमानित करने के लिए उनका नाम गलत तरीके से ले रहे हैं. मुकेश सहनी ने उन आरोपों का भी खंडन किया, जिसमें बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा था मैंने प्रधानमंत्री मोदी और योगी के लिए अभद्र शब्दों का प्रयोग किया.
अगर कोई इन आरोपों को साबित कर देता है तो मैं उन्हें एक लाख रुपए इनाम दूंगा. उन्होंने कहा कि वे संघर्ष करके बिहार की सत्ता तक आए थे. उनका मकसद अपने लोगों को हक और अधिकार दिलाना था, लेकिन भाजपा ने साजिश करके उन्हें काम करने से रोका. लेकिन वे निराश और हताश नहीं अपने लोगों के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा. पहले चार सीटें जीती थी, कल 40 सीटें जीतकर आऊंगा और अपने समाज के लिए काम करता रहूंगा.