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जम्मू कश्मीर में चेनाब नदी के ऊपर बन रहे दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुल का मेहराब बनकर तैयार

By भाषा | Updated: April 5, 2021 21:48 IST

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(तारिक अहमद सोफी)

कौरी, पांच अप्रैल जम्मू कश्मीर में चेनाब नदी के ऊपर नदीतल से करीब 359 मीटर की ऊंचाई पर बन रहे दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के मेहराब के निर्माण का कार्य सोमवार को पूरा हो गया। उत्तर रेलवे ने इस उपलब्धि को ऐतहासिक करार दिया।

इस पुल की लंबाई 1.3 किलोमीटर होगी। इसका लक्ष्य कश्मीर घाटी की कनेक्टिविटी को बढ़ाना है और इसका निर्माण उधमपुर- श्रीनगर- बारामूला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना के तहत 1486 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि यह पुल पेरिस के एफिल टावर से करीब 35 मीटर ऊंचा है और इसके एक साल के अंदर बनकर तैयार हो जाने की संभावना है।

मेहराब के बनकर तैयार हो जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘भारतीयों की क्षमता एवं विश्वास आज दुनिया के सामने एक मिसाल पेश कर रहे हैं। यह निर्माण कार्य न केवल आधुनिक अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाता है बल्कि यह अपने निश्चय को साकार करने के प्रति देश की बदली हुई कार्यसंस्कृति की मिसाल भी है।’’

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली से वीडियो लिंक के माध्यम से केबल क्रेन द्वारा मेहराब के आपस में जोड़ने वाले हिस्सों को उतारने की प्रक्रिया देखी। इस मौके पर उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल और कोंकण रेलवे के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजय गुप्ता समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

गंगल ने रियासी जिले में यहां कार्यस्थल पर संवाददताओं से कहा, ‘‘ उत्तर रेलवे के लिए यह ऐतिहासिक दिन है और कश्मीर को शेष भारत से जोड़ने की यूएसबीआरएल परियोजना को पूरा करने की दिशा में ऐतिहासिक है। यह परियोजना ढाई साल में पूरी हो जाएगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ खुद को सहारा प्रदान करने वाला मेहराब शानदार अभियांत्रिकी का नमूना है और इसने हमें इस स्वप्निल परियोजना के अपने लक्ष्य के करीब पहुंचा दिया है। मेहराब के पूरा हो जाने के बाद हम अब आगे बढेंगे और हमें एक साल में इस पुल के बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है।’’

उन्होंने कहा कि इस मेहराब का कुल वजन 10619 मीट्रिक टन है और उसके हिस्सों को केबल क्रेन द्वारा लगाया जाना भारतीय रेलवे द्वारा पहली बार किया गया है।

रेलवे ने कहा, ‘‘यह उपलब्धि कटरा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर लंबे रेलखंड को पूरा करने की दिशा में एक बड़ी छलांग है। हाल के इतिहास में भारत में किसी भी रेल परियोजना में निश्चित ही सबसे बड़ी सिविल इंजीनियरिंग चुनौती है।’’

मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह पुल 1315 मीटर लंबा और नदी तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर बनाया जा रहा दुनिया में सबसे ऊंचा रेल पुल है। यह पेरिस के ऐतिहासिक एफिल टावर से भी 35 मीटर अधिक ऊंचा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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