पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर हाल ही में बिहार के मोतिहार में कुछ लोगों ने एक प्रोफेसर की जमकर पिटाई की। मोतिहारी में स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक की पिटाई का वीडियो भी सामने आया।
हालांकि, पुलिस का इस मामले के तूल पकड़ने के बाद कहना है कि सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट और हमले के बीच अब तक कोई मेल नहीं मिला है। ऐसे में बड़े मामले को अब राजनीतिक हवा भी मिल गई है। इस घटना की आलोचना करते हुए बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया किया है। उन्होने ट्वीट करके लिखा है कि अब मुख्यमंत्री जी यह क्या हो रहा है। आरएसएस के गुंडों ने कुलपति के संरक्षण में एक प्रोफेसर पर हमला किया और लगभग पीट-पीट कर उसे मार ही दिया था, उन लोगों ने उन्हें जिंदा जलाने के लिए उन पर पेट्रोल डाल दिया। नीतीशजी, आप आरएसएस की शाखा क्यों नहीं खोलते हैं और स्वयं उसके ‘सरसंघचालक’ क्यों नहीं बन जाते हैं।'
उनके इस ट्वीट के बाद इस घटना ने अब अलग ही मोड़ ले लिया है। वहीं, इस घटना को लोकल चैनलों ने भी दिखाया है। खबर के अनुसार मोतिहारी शहर के आजाद नगर इलाके में स्थित संजय कुमार को आवास से घसीट कर बाहर कर पिटाई की जा रही है। प्रोफेसर की पिटाई के बाद पेट्रोल छिड़कर उनको आग भी लगाई गई। वहीं इस संबंध में एक एफआईआर दर्ज कराई गई है।
वहीं, पुलिस का कहना है कि पोस्ट का सोशल मीडिया पर विरोध हुआ था, लेकिन उन्हें नहीं लगता है कि इस हमले की वजह यही है। पुलिस को इसके पीछे किसी और रंजिश का हाथ लग रहा है। पुलिस का मानना है कि वह कई प्रभावशाली फैकल्टी सदस्यों और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ बोलते रहते हैं।' वहीं, सच्चाई क्या है ये मामले की जांच के बाद ही साफ होगा। फिलहाल कोई भी हमलावर पड़का नहीं गया है।