सम्मान को स्वीकारना या नकारना व्यक्ति का अधिकार है. सम्मान लौटाने का मतलब देशद्रोह समझ लेना भी उतना ही गलत है, जितना गलत यह मानना है कि किसी को सम्मानित करके कोई सरकार उस पर अनुग्रह कर रही है. ...
दुनिया में पिछले 50 वर्षों में 14.26 करोड़ लड़कियां तथा महिलाएं लापता हुईं. आंकड़ों के लिहाज से पचास वर्षों में दुनिया में लापता हुई हर तीन में से एक लड़की भारत की थी। ...
जंग की खबरों के बीच राहत पहुंचाने वाले कुछ संकेत भी इस सप्ताह मिले हैं. अगस्त के पहले सप्ताह में सऊदी अरब की पहल पर एक शांतिवार्ता होने जा रही है. इसमें भारत की भूमिका अहम हो सकती है. ...
संसदीय लोकतंत्र में दो ही पक्ष होते हैं: सत्तापक्ष और विपक्ष, और दोनों की सकारात्मक भूमिका से ही संसद चल सकती है, पर जब-जब संसदीय गतिरोध पर सवाल उठते हैं, दोनों एक-दूसरे पर उंगलियां उठाने लगते हैं. ...
दिल्ली की जामिया पहुंचने से पहले मुंशी प्रेमचंद सेवासदन’ (1918), ‘रंगभूमि’ (1925), ‘कायाकल्प,’ (1926), ‘निर्मला’ (1927), ‘गबन’ (1931), ‘कर्मभूमि’ (1932) और अनेक कहानियां और उपन्यास लिख चुके थे। ...
यह एक जगजाहिर तथ्य है कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में मणिपुर, असम से लेकर त्रिपुरा जैसे पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी राज्यों ने विकास, शांति और समृद्धि के नये आयामों को हासिल किया है। ...
महात्मा गांधी के कद की ऊंचाई इसी से समझ आ जाती है कि जिन अंग्रेजों ने 150 साल जिस देश पर राज किया, उसी देश के एक शख्स को कभी अपने आगे झुका न सके. ऐसे शख्स थे मोहनदास करमचंद गांधी... जी हां, ‘मेरे राष्ट्रपिता, मेरे बापू’. ...