कोरोना कोविड-19 की भयावह आपात स्थिति में एक-एक क्षण का महत्व है. इसमें हम चीन से शिकायत भले कर दें, वह दूसरी खेपें भी भेज सकता है, पर इसमें जो समय का अंतर होगा उसकी भरपाई कैसे होगी? दूसरे, इसकी क्या गारंटी है कि आगे जो टेस्ट किट आएंगे वे गुणवत्ता पर ...
प्रधानमंत्नी द्वारा राष्ट्र के नाम संबोधन एवं लॉकडाउन को आगामी तीन मई तक विस्तारित किए जाने के बाद सरकार की ओर से मार्गनिर्देश आना निश्चित था. हालांकि लॉकडाउन के प्रथम चरण का मार्गनिर्देश देश के सामने था लेकिन उस दौरान आए अनुभवों के आलोक में इसमें कु ...
पहले 21 दिन और अब 19 दिन यानी कुल मिलाकर 40 दिन होते हैं. प्रधानमंत्नी के संबोधन से यह संकेत मिलता है कि जिन क्षेत्नों में स्थिति बिल्कुल नियंत्नण में दिखेगी वहां कुछ गतिविधियों की सीमित छूट मिल सकती है. ...
भारत में कोविड 19 प्रकोप की भावी स्थिति क्या होगी इसके बारे में कोई भी पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता. हम इस महामारी के भयावह प्रकोप का शिकार हो सकते हैं और नहीं भी. बावजूद इसके अपने अंदर के संकट से लड़ते और बचने का उपाय करते हुए भारत ने वैश्विक बिरा ...
प्रधानमंत्नी के लॉकडाउन को देखें तो सभी राज्य सरकारों ने उसे सफल करने में जी-जान लगा दिया है. देश की जनता भी अब छोटे अपवादों को छोड़ दें तो अभूतपूर्व अनुशासन का परिचय दे रही है. ...
सड़कों पर पलायन करते कामगारों और उनके परिवारों का उमड़ा सैलाब किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को अंदर से हिला देने वाला है. कहीं कोई सवारी नहीं, खाना-पीना उपलब्ध नहीं, लेकिन साहस के साथ ये पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने घरों की ओर चले जा रहे. राजधानी दि ...
दुनिया की स्थिति नि:संदेह भयावह है. लगभग पूरी दुनिया इसकी चपेट में आ चुकी है. इसमें प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी की 21 दिनों की लॉकडाउन की घोषणा देश को इस महामारी से बचाने एवं सुरक्षित रखने का एकमात्न श्रेष्ठ विकल्प है. स्थिति ज्यादा डरावनी इसलिए है क्य ...
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए सबसे ज्यादा आवश्यकता संकल्प और संयम की है और प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी ने यही बताने की कोशिश की थी. जनता कर्फ्यू की सफलता ने बता दिया है कि संकल्प और संयम की आवश्यकता लोगों की समझ में आ गई. ...