लाइव न्यूज़ :

श्रीलंका में खोजी जहाज भेजने के बाद अब पाकिस्तान में सैनिक तैनात करने की योजना बना रहा है चीन

By शिवेंद्र राय | Published: August 17, 2022 4:12 PM

चीन अपनी महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल की रक्षा के लिए संघर्ष ग्रस्त पाकिस्तान-अफगानिस्तान क्षेत्र में विशेष रूप से बनाई गई चौकियों में अपने सैनिकों को तैनात करके अपने हितों की रक्षा करने की योजना बना रहा है। अगर चीन पाक-अफगान क्षेत्र में अपनी सैन्य चौकियां स्थापित करने में कामयाब होता है तो यह भारत के लिए एक बड़ी चिंता की बात हो सकती है।

Open in App
ठळक मुद्देपाकिस्तान में अपने सैनिकों को तैनात करना चाहता है चीनपाक-अफगान क्षेत्र में बेल्ट एंड रोड पहल की रक्षा के लिए उठा रहा है कदमभारत की सुरक्षा चिंताएं बढ़ सकती हैं

नई दिल्ली: मध्य एशिया और हिंद महासागर में चीन द्वारा अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। अभी चीन द्वारा श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर खोजी जहाज भेजे जाने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि इसी बीच एक ऐसी रिपोर्ट आई है जो भारता की चिंता बढ़ा सकती है। खबर है कि अपनी बेहद महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल की रक्षा के लिए चीन संघर्ष ग्रस्त पाकिस्तान-अफगानिस्तान क्षेत्र में विशेष रूप से बनाई गई चौकियों में अपने सैनिकों को तैनात करके अपने हितों की रक्षा करने की योजना बना रहा है। 

पाकिस्तान में चीन ने 60 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश किया हुआ है। पाकिस्तान न केवल वित्तीय बल्कि सैन्य और राजनयिक समर्थन के लिए भी चीन पर निर्भर है। ऐसे में चीन ने चीन ने पाकिस्तान पर उन चौकियों के निर्माण की अनुमति देने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है जहां वह अपने सशस्त्र कर्मियों को तैनात करेगा। चीन, पाकिस्तान-अफगानिस्तान से होकर गुजरने वाले मार्ग के माध्यम से मध्य एशिया में अपने प्रभाव का विस्तार करने का इच्छुक है और इसिलिए उसने दोनों देशों में रणनीतिक निवेश किया है।

राजनयिक और सुरक्षा मामलो के विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अफगानिस्तान और पाकिस्तान में सैन्य चौकियों को स्थापित करने के लिए युद्ध के पैमाने पर काम कर रही है। खबर है कि चीनी राजदूत नोंग रोंग ने इस संबंध में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ बैठकें की हैं। बताया जा रहा है कि राजदूत रोंग विशेष रूप से इसी काम के लिए पाकिस्तान भेजे गए हैं।

चीन पहले ही पाकिस्तान के ग्वादर में सुरक्षा चौकियों की मांग कर चुका है और अपने लड़ाकू विमानों के लिए ग्वादर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उपयोग करने की अनुमति मांग चुका है। संघर्ष ग्रस्त पाकिस्तान-अफगानिस्तान क्षेत्र में चीनी चौकियों की बाड़ाबंदी भी शुरू हो गई है। यहां सैन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की जा सकने वाली सुविधा जल्द ही चालू होने वाली है। हालांकि चीन और पाकिस्तान के सामने एक चुनौती भी है क्योंकि पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर रहने वाले लोग इस क्षेत्र में भारी चीनी सैन्य उपस्थिति के साथ सहज नहीं हैं।

अगर चीन पाक-अफगान क्षेत्र में अपनी सैन्य चौकियां स्थापित करने में कामयाब होता है तो यह भारत के लिए एक बड़ी चिंता की बात हो सकती है। चीन पहले ही अपनी 'मोतियों की माला योजना' के तहत भारत को घेर रहा है। भारत कभी नहीं चाहेगा कि चीनी सैनिक उसकी सीमा के चारो तरफ मौजूद हों। भारत पहले ही वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी की आक्रामकता से जूझ रहा है।

टॅग्स :शी जिनपिंगChina-Pakistan Economic Corridorचीनभारतअफगानिस्तान
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वप्रमोद भार्गव का ब्लॉग: चाबहार बंदरगाह पर अमेरिका क्यों बेचैन?

क्राइम अलर्टब्लॉग: अपराधी लंबे समय तक नहीं बचता

भारतPoK पर नियंत्रण खोना, 'गलती' या 'कमजोरी', विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कांग्रेस पार्टी पर बोला हमला

क्रिकेटT20 World Cup 2024: लाखों दिव्यांग खेल प्रेमियों के लिए सांकेतिक भाषा में होगा मैच का प्रसारण

भारतब्लॉग: चुनावी राजनीति से क्यों गायब है पर्यावरण का मुद्दा ?

विश्व अधिक खबरें

विश्वPM Narendra Modi Lok Sabha Elections 2024: पीएम मोदी ने पिछले 10 वर्षों में भारत की छवि बदली, भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर कंसुपाड़ा ने कहा-सच्चे वैश्विक नेता के रूप में उभरे

विश्वWATCH: बिना मेकअप और हेयर डाई के पहचान में नहीं आ रहे हैं इमरान खान, PAK के पूर्व पीएम का शौकिंग लुक आया सामने

विश्व"भारत चंद्रमा पर उतर चुका है, जबकि हम...": पाकिस्तानी सांसद ने कराची में सुविधाओं की कमी पर कही ये बात

विश्वRussia-Ukraine war: रूसी सेना ने 10 अमेरिकी मिसाइलों को मार गिराया, खारकीव में फिर खोला मोर्चा, पीछे हट रही है यूक्रेनी फौज

विश्वव्हाइट हाउस में बजाया गया 'सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तां...', मेहमानों के लिए परोसे गए गोल गप्पा और समोसा