नई दिल्ली: कोरोना महामारी और फिर लॉकडाउन ने आधी आबादी को तोड़ कर रख दिया है। किसी का धंधा बंद तो कोई बेरोजगारी की मार झेल रहा है। लॉकडाउन की लाचारी के कई किस्से अब तक सामने आ चुके हैं। हाल ही में दिल्ली के मालवीय नगर से एक ऐसा ही किस्सा सामने आया है, जिसे सुनकर आपका दिल पसीज जाएगा। लॉकडाउन से पहले सब ठीक था। लॉकडाउन के बाद गरीबी ने घेर लिया.. बूढ़ी उम्र में बच्चों ने भी साथ छोड़ दिया।
दिल को झकझोर देने वाली यह कहानी है बाबा का ढाबा (Baba Ka Dhaba) को चलाने वाले बुजुर्ग दंपति की। यहां पिछले एक दशक से कांता प्रसाद अपनी पत्नी बादामी देवी के साथ छोटा सा ढाबा चलाकर गुजर-बसर करते आ रहे हैं। महीने का इतना बच जाता था कि दोनों बुजुर्ग अपना काम जैसे-तैसे निकाल लेते थे। लेकिन कोरोना महामारी आने के बाद लॉकडाउन से इनकी रोजी-रोटी पर ग्रहण लग गया। कई महीनों बाद जब अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई तो इन दोनों बुजुर्ग के मन में आस फिर लौटी कि अब सबकुछ पहले जैसा हो जाएगा। लेकिन उनके इस छोटे ढाबे पर लोगों का आना लगभग बंद हो चुका था। रोज दुकान खोलने के बाद भी वे दिन मुश्किल से तीन पाव चावल ही बेच पाते थे। इतने में क्या होता है? लेकिन बुजुर्ग दंपति अटूट विश्वास के साथ रोज अपना ढाबा खोलते थे।
बीते बुधवार को एक युवक की नजर बाबा के ढाबा पर पड़ी। वहां जाकर उसने दोनों बुजुर्ग दंपति से बात की और उनका हाल जाना तो वह भी भावुक हो गया। उसने बुजुर्ग दंपति की आपबीती का वीडियो बनाया और उसे @VasundharaTankh नाम के ट्विटर से बुधवार की शाम शेयर कर दिया। देखते ही देखते वीडियो वायरल हो गया। ट्विटर पर अब इस वीडियो को करोड़ों लोग देख चुके हैं। वीडियो वायरल होने के बाद बाबा का ढाबा पर मटर पनीर खाने के लिए दिल्लीवासियों का हुजूम लग पड़ा है। साथ ही देश की कई बड़ी हस्तियों ने भी इस वीडियो को शेयर करते हुए बुजुर्ग दंपति की मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं और लोगों से उनके यहां जाकर खाने की अपील भी की है।