निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ मास में शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है. इस एकादशी व्रत में पानी पीना वर्जित माना जाता है इसलिए इस एकादशी को निर्जला कहते है. इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है. मान्यता है की निर्जला एकादशी पर निर्जल रहकर भगवान विष्णु की आराधना की जाती है और दीर्घायु और मोक्ष का वरदान प्राप्त किया जा सकता है. ऐसी भी मान्यता है की निर्जला एकादशी का व्रत रखने से साल की सभी एकादशी का व्रत फल मिलता है और भगवान विष्णु की कृपा होती है. इस साल एकादशी व्रत 2 जून को है. लेकिन निर्जला एकादशी का व्रत रखते समाय कुछ सावधानियां बरतनी होती है.