दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने उन आरोपों को खारिज किया जिसमें आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नामांकन प्रक्रिया में जानबूझकर देरी की गयी.. दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि वे तय प्रक्रियाओं का पालन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अंतिम दिन ज्यादा उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल करने आए जिससे रिटर्निंग ऑफिसर को ज्यादा समय लगा। आम आदमी पार्टी के कुछ नेताओं ने दावा किया था कि अधूरे कागजात के साथ आए 35 उम्मीदवारों ने कहा कि जब तक वो नामांकन नहीं भर लेते तब तक मुख्यमंत्री को नामांकन नहीं भरने देंगे। पार्टी नेताओं को इसमें साजिश दिखी। इस बयान पर दिल्ली चुनाव कार्यालय ने प्रतिक्रिया दी है। बयान में बताया गया है कि इकाई को सोशल मीडिया के जरिए ऐसी जानकारी मिली कि उस पर मुख्यमंत्री के नामांकन पत्र दाखिले में जानबूझकर विलंब करने के आरोप लग रहे हैं। आरोपो में यह कहा जा रहा था कि रिटर्निंग अधिकारी एक उम्मीदवार के नामांकन पत्र को दाखिल करने में 30-35 मिनट का समय ले रहे हैं। बयान में कहा गया, यह स्पष्ट किया जाता है कि यह जानकारी भ्रामक है और चुनाव कार्यालय की तरफ से जानबूझकर कोई विलंब नहीं किया गया।’’ दिल्ली सीईओ कार्यालय ने शाम को बयान जारी कर कहा, ‘‘आज नामांकन के आखिरी दिन उम्मीदवारों की भारी भीड़ थी। शाम तीन बजे की अंतिम समय सीमा तक नयी दिल्ली क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी के सामने 66 उम्मीदवार मौजूद थे। भारी भीड़ के कारण नामांकन प्रक्रिया में तीन बजे के बाद तक का समय लगा..नयी दिल्ली विधानसभा सीट के लिए नामांकन भरने के लिए अंतिम दिन मंगलवार 21 जनवरी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 45 नंबर का टोकन लिए इंतजार करते देखा गया। केजरीवाल ने कहा, “अपना नामांकन भरने का इंतजार कर रहा हूँ। मेरा टोकन नंबर 45 है। यहां बहुत से लोग नामांकन भरने आए हैं। प्रक्रिया के अनुसार नामांकन तीन बजे तक ही भरा जा सकता है लेकिन पर्चा दाखिल करने के लिए टोकन ले चुके प्रत्याशियों को उनकी बारी आने तक पर्चा दाखिल करने दिया जाता है।