Lok Sabha Elections 2024: चुनावी मौसम के बीच पक्ष और विपक्ष में चल रहे तीर, अबकी बार 'संयोग' का वार, चुनावी समर में उतरा एक और दल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 6, 2024 02:58 PM2024-03-06T14:58:08+5:302024-03-06T14:59:00+5:30
Lok Sabha Elections 2024: देश के युवाओं के साथ नाइंसाफी हो रही है. अचानक से पेपर लीक हो जाते है, पेपर कैसिंल कर दिए जाते है.
Lok Sabha Elections 2024: चुनाव का मौसम चल रहा है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जमकर चल रहा है. इस बार चुनाव इसलिए भी अहम है कि इसमें देश की बड़ी पार्टियों के साथ-साथ छोटी पार्टियां भी अहम रोल अदा कर सकती है. इसी कड़ी में देश में एक और पार्टी जिसके नाम में संयोग है. भगवान के संयोग से बनी ये पार्टी भी इस बार चुनावी मैदान में है. आइए जानते हैं क्या है संयोगवादी पार्टी का प्लान. संयोगवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेंद्र मिश्रा का कहना है कि संयोगवादी पार्टी का जन्म आम जनता की भलाई के लिए हुआ है. देश के उन लोगों को बारे में कोई भी पार्टी नहीं सोच रही जिनका कोई नहीं है. संयोगवादी पार्टी का उद्देश्य देश के गरीब तबके को उनका हक दिलाना है. संयोगवादी पार्टी गरीबों के लिए समय-समय अभियान चलाती रहती है.
युवाओं के साथ खिलवाड़
पुलिस भर्ती मामले पर संयोगवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेंद्र मिश्रा का कहना है कि देश में भर्तियों में पारदर्शिता लाना बेहद जरूरी है. पुलिस भर्ती मामला हो या किसी और तरह की परीक्षा. देश के युवाओं के साथ नाइंसाफी हो रही है. अचानक से पेपर लीक हो जाते है, पेपर कैसिंल कर दिए जाते है. ऐसे में नुकसान देश के युवाओं का होता है. देश में बेरोजगारी का आलम किसी से छिपा नहीं है. ऐसे में भर्तियों में घोटालों से युवाओं के साथ-साथ देश को नुकसान हो रहा है.
परीक्षा कैसिंल होने से करोड़ों का नुकसान
देश में आए दिन परीक्षाओं को अचानक कैसिंल कर दिया जाता है. इसका खामियाजा युवाओं को भुगतना पड़ता है. मान लीजिए किसी छात्र ने 500 रुपए खर्च किए फॉर्म भरने के लिए फिर परीक्षा में आने जाने का खर्च अलग. एक छात्र परीक्षा पर 1 हजार रुपए का खर्च कर रहा है. ऐसे में अचानक परीक्षा कैसिंल होने की सूरत में युवाओं का तो नुकसान हो रहा है. लेकिन सरकार की जेब में करोड़ों की रकम आ रही है.
संयोगवादी पार्टी का ऐलान
संयोगवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेंद्र मिश्रा का कहना है कि अगर उनकी सरकार आती है तो उनका फोकस गरीबों और युवाओं पर होगा. मिश्रा के मुताहबिक अगर आपने इन दो तबको को न्याय दिला दिया तो असल मामले में देश का विकास शुरू हो पाएगा.