अरविंद केजरीवाल के बाद 'आप' विधायक अमानतुल्लाह पर ED की नजर, गैर-जमानती वारंट लेकर पहुंची कोर्ट
By अंजली चौहान | Published: April 11, 2024 09:01 AM2024-04-11T09:01:59+5:302024-04-11T09:11:16+5:30
Delhi Waqf Board Case: अदालत ने मामले को 18 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया है क्योंकि जांच एजेंसी ने अपने आवेदन के समर्थन में दस्तावेज दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा है।
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय का आम आदमी पार्टी पर शिकंजा कसता ही जा रहा है। एक ओर जहां आप संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईडी गिरफ्त में हैं वहीं, अब आम आदमी पार्टी के एक और नेता पर गाज गिरी है। दिल्ली के आप विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ ईडी कोर्ट पहुंच गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने अमानतुल्लाह के खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट की मांग की है।
गौरतलब है कि ईडी ने दिल्ली वक्फ बोर्ड में नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आप विधायक अमानतुल्ला खान के खिलाफ यह कार्रवाई की है। अदालत ने मामले को 18 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया है क्योंकि जांच एजेंसी ने अपने आवेदन के समर्थन में दस्तावेज दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा है।
ED has moved the court for the issuance of NBW against AAP MLA Amanatullah Khan. An application has been moved to the Rouse Avenue court by the ED. The Counsel for ED sought to file some documents. The court has listed the matter for hearing on April 18.
— ANI (@ANI) April 10, 2024
राउज एवेन्यू अदालत के विशेष न्यायाधीश राकेश सयाल का कहना है कि अमानतुल्लाह खान के खिलाफ ओपन-एंडेड गैर-जमानती वारंट जारी करने के लिए ताजा आवेदन जमानत और फाइलिंग अनुभाग से प्राप्त हुआ है। इसे नियमानुसार जांचा और पंजीकृत किया जा रहा है, ईडी के लिए एसपीपी (विशेष लोक अभियोजक) आवेदन के समर्थन में कुछ दस्तावेज दाखिल करने के लिए कुछ समय चाहता है। जैसा कि अनुरोध किया गया है, 18 अप्रैल, 2024 को विचार के लिए इसे रखा गया है।
जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय ने मामले में ओखला विधायक के तीन कथित सहयोगियों सहित चार लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था।
मालूम हो कि इस हफ्ते की शुरुआत में, ईडी द्वारा केंद्रीय एजेंसी के समन का पालन नहीं करने पर विधायक के खिलाफ मुकदमा शुरू करने की मांग करने वाली एक अर्जी दायर करने के बाद दिल्ली की एक अदालत ने खान को 20 अप्रैल को पेश होने के लिए समन जारी किया था। ईडी के अनुसार, खान ने 23 जनवरी, 31 जनवरी, 9 फरवरी, 19 फरवरी, 26 फरवरी और 4 मार्च को पूछताछ के लिए जारी किए गए समन का पालन नहीं किया था।
क्या है दिल्ली वक्फ बोर्ड मामला?
ईडी ने 2016 में दर्ज केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) मामले के आधार पर दिल्ली वक्फ बोर्ड में नियुक्तियों में कथित अनियमितताओं से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच शुरू की। सीबीआई ने खान पर आरोप लगाया - जो उस समय बोर्ड के अध्यक्ष थे। गैर-स्वीकृत और गैर-मौजूद रिक्तियों के खिलाफ दिल्ली वक्फ बोर्ड में विभिन्न लोगों को अवैध रूप से नियुक्त करने का, जिससे कथित तौर पर दिल्ली सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ और खुद को अवैध लाभ हुआ। उन पर वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को अवैध तरीके से पट्टे पर देने का भी आरोप था।
इसके बाद, ईडी ने पिछले साल ओखला विधायक से जुड़े परिसरों पर छापेमारी के बाद उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए। जांच एजेंसी के अनुसार, उसकी तलाशी के दौरान भौतिक और डिजिटल साक्ष्य के रूप में कई "अपराधी" सामग्री जब्त की गई, जो मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में खान की कथित संलिप्तता का संकेत देती है। इससे पहले, खान ने मामले में अग्रिम जमानत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी।