Farmer Protest: Narendra Modi किसान आंदोलन पर फिर बोले, Congress पर लगाए आरोप | Farm law
By गुणातीत ओझा | Updated: December 18, 2020 22:10 IST2020-12-18T22:08:41+5:302020-12-18T22:10:30+5:30
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में हो रहे प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के किसानों के सम्मेलन को संबोधित किया।
कीसान आंदोलन
पीएम मोदी ने अन्नदाताओं के सामने क्यों जोड़ लिया हाथ?
कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली (Delhi) में हो रहे प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra modi) ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश के किसानों के सम्मेलन (Madhya Pradesh Kisan Sammelan) को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने किसानों के लिए उनकी सरकार की तरफ से किए गए कामकाज को गिनाते हुए अपनी नीयत को गंगाजल (Gangajal) और नर्मदा (Narmada) के जल जितना पवित्र बताया। साथ ही पीएम मोदी (PM Modi) ने विपक्ष पर जमकर पलटवार किया। पीएम ने कहा कि राजनीति करने वालों को दिक्कत इस बात से है कि इनके किए गए वादों को मोदी ने कैसे पूरा कर दिया। वह मोदी को मिलने वाले क्रेडिट से परेशान हैं।
पीएम मोदी ने कहा, ''किसानों की उन मांगों को पूरा किया गया है जिन पर वर्षों से सिर्फ मंथन चल रहा था। किसानों के लिए जो कानून बने हैं, ये रातोंरात नहीं आए हैं। पिछले 20-22 साल से देश की हर सरकार ने इस पर व्यापक चर्चा की है। सभी संगठनों ने विमर्श किया है। देश के किसान, वैज्ञानिक, अर्थशास्त्री कृषि क्षेत्र में सुधार की मांग करते आ रहे हैं। किसानों को उनसे सवाल पूछना चाहिए कि जो पहले अपने घोषणा पत्र में ये वादे करते थे, वोट बटोरते रहे, लेकिन उन वादों को पूरा नहीं किया। क्योंकि उनकी प्राथमिकता में किसान नहीं था।
आज यदि सभी राजनीतिक दलों के घोषणापत्र देखे जाएं, बयान देखे हैं तो आज जो भी सुधार हुए हैं उनसे अलग नहीं है। वे जिन बातों का वादा करते थे उन्हें ही पूरा किया गया है। उन्हें तकलीफ इस बात से नहीं है कि कृषि सुधार क्यों हो गया, उन्हें तकलीफ है कि मोदी ने यह काम कैसे कर दिया, मोदी को कैसे क्रेडिट मिल गया। मैं हाथ जोड़कर कहता हूं क्रेडिट आप ले लो, लेकिन किसानों को बरगलाना छोड़ दीजिए। मैं सारा क्रेडिट आपके पुराने घोषणा पत्रों को देता हूं, मुझे क्रेडिट नहीं चाहिए। मैं केवल किसानों की जिंदगी आसान बनाना चाहता हूं। उन्हें समृद्ध बनाना चाहता हूं।''

















