समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) एक सामाजिक मामलों से संबंधित कानून होता है। देश में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होगा। समान नागरिक संहिता भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 का हिस्सा है। किसी भी धर्म या जाति से क्यों न हो। Read More
संविधान का अनुच्छेद-44 समान नागरिक संहिता बनाने का निर्देश देता है। कोई भी व्यक्तिगत कानून अंतर-धार्मिक विवाह की अनुमति नहीं देता है, इसलिए संसद ने विशेष विवाह अधिनियम, 1954 बनाया, यह सही मायने में विवाह के लिए एक समान नागरिक संहिता है... ...
कॉमन सिविल कोड का यह मुद्दा चुनाव में किस करवट बैठेगा-इसको लेकर समाजवादी पार्टी (सपा), कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) जैसे प्रमुख विपक्षी दलों के नेता उलझन में हैं। ...
मशहूर अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने गुरुवार को यूसीसी को लेकर कुछ सवाल उठाएं हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से यह पूछा है कि इससे किसको फायदा होगा? साथ ही अर्थशास्त्र में नोबल पुरस्कार विजेता ने यूसीसी को हिन्दुत्व से जोड़कर इसे निराधार बताया है। ...
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने बुधवार को आरोप लगाया कि समान नागरिक संहिता के माध्यम से मुस्लिम समुदाय के नाम पर ध्रुवीकरण करने के साथ-साथ ध्रुवीकरण करने का प्रयास किया जा रहा है। ...
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आईआईटी-गुवाहाटी के 25वें दीक्षांत समारोह में यूसीसी की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इससे पूरे देश को एक सूत्र में बांधा जा सकता है। ...