Uniform Civil Code: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को समान नागरिक संहिता मंजूर नहीं!, मोहसिन रजा ने कहा-देश हित में सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड का कानून लेकर आएगी

By राजेंद्र कुमार | Published: July 5, 2023 07:01 PM2023-07-05T19:01:01+5:302023-07-05T19:03:16+5:30

Uniform Civil Code: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि जनता समान नागरिक संहिता का विरोध करे। धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।

Uniform Civil Code not accepted by Muslim Personal Law Board, Mohsin Raza said Government will bring Uniform Civil Code law interest country | Uniform Civil Code: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को समान नागरिक संहिता मंजूर नहीं!, मोहसिन रजा ने कहा-देश हित में सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड का कानून लेकर आएगी

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Highlightsबोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया.बोर्ड ने इसके लिए एक पत्र भी जारी किया है. जनता से बोर्ड के पक्ष का समर्थन करने की अपील की है.

लखनऊः केंद्र सरकार अभी भले ही यूनिफ़ार्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता लाने पर विचार कर रही है, लेकिन अभी से इसका विरोध शुरू हो गया है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बुधवार को देश के नागरिकों से समान नागरिक संहिता का विरोध करने की अपील की है. बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया.

बोर्ड ने इसके लिए एक पत्र भी जारी किया है. इस पर्चे में जनता से बोर्ड के पक्ष का समर्थन करने की अपील की है. बोर्ड के सभी सदस्यों का मत है कि मुल्क को समान नागरिक संहिता की जरूरत नहीं है. बोर्ड ने समान नागरिक संहिता का खामियों को लेकर एक ड्राफ़्ट तैयार किया है, इसके बोर्ड की तरफ से लॉ कमीशन ऑफ़ इण्डिया को सौंपा जाएगा.

बोर्ड के इस फैसले की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और यूपी हज समिति के अध्यक्ष मोहसिन रजा ने आलोचना की है. उन्होने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को मौलवी पर्सनल लॉ बोर्ड बताकर उसका मजाक उड़ाया है. मोहसिन रजा की इस आलोचना पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना फिरंगी महली ने ध्यान नहीं दिया.

मौलाना फिरंगी महली ने यहां ऐशबाग के ईदगाह में हुई बोर्ड की बैठक में लिए गए फैसले के बारे में मीडिया को बताया. मौलाना के अनुसार बोर्ड की बैठक में समान नागरिक संहिता पर विस्तार से चर्चा करने के बाद बोर्ड के हर सदस्य ने इसे मुल्क के लिए गैर जरूरी माना और इसका विरोध किया है.

मौलना का कहना है कि समान नागरिक संहिता का मामला सिर्फ मुस्लिम समाज का नहीं है बल्कि कई और कम्यूनिटीज का है. पांच साल पहले भी इस पर चर्चा हुई थी. तब 21वें ला कमीशन ने कहा था कि मुल्क को इसकी जरूरत नहीं है. अब ऐसा क्या हो गया है जो इसके लाने पर विचार होने लगा है.

खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हुए कहा था कि एक देश में दो कानून नहीं हो सकते हैं. मौलाना का कहना है कि बोर्ड प्रधानमंत्री के इस कथन से सहमत नहीं है क्योंकि हमारा देश अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों वाला है.

यही बात बोर्ड की जारी किए गए पत्र में कही गई है. पीएम के इस ऐलान के तत्काल बाद ही बोर्ड के सदस्य असदुद्दीन ओवैसी भी सार्वजनिक तौर पर इसका विरोध किया था. इसी क्रम में बुधवार को बोर्ड की बैठक में समान नागरिक संहिता के लागू होने से समाज के सामने क्या -क्या दिक्कतें आएंगी? लोगों को किन -किस समस्याओं का सामना करना पड़ेगा?

इसके लिए बोर्ड की पहल पर नामी वकीलों द्वारा तैयार किए गए 100 पेज से अधिक के ड्राफ्ट पर चर्चा की गई. इसके बाद भी बोर्ड ने एक पत्र जारी करने का फैसला किया. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के इस पत्र में लिखा गया है कि देश में यूनिवर्सल सिविल कोड लागू किए जाने को लेकर माहौल तैयार किया जा रहा है.

ऐसा करके विभिन्न धर्म और अलग-अलग संस्कृतियों वाले देश की धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है. विधि आयोग के द्वारा किए जा रहे सर्वे में हमें अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करनी है, और इसका विरोध करना है. बोर्ड ने एक क्यू आर कोड भी जारी किया है.

बोर्ड के उक्त फैसले को लेकर यूपी हज समिति के अध्यक्ष मोहसिन रजा ने कहा है कि मौलवी पर्सनल लॉ बोर्ड होने के नाते ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध जरूर करेंगे, क्योंकि, सभी समाज के साथ मुस्लिम समाज को एक समान अधिकार मिलने से मौलवी पर्सनल लॉ बोर्ड की दुकानें बंद हो जाएंगी.

मोहसिन रजा का यह भी कहना है कि जिस तरह तीन तलाक खत्म होने से मुस्लिम समाज की बहनों और बेटियों को राहत मिली है, उसी तरह समान नागरिक संहिता की वजह से मुस्लिम समाज के अधिकार और अधिक सुरक्षित होंगे. लेकिन मुस्लिम समाज पर अपनी धार्मिक पकड़ बनाए रखने के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड नहीं चाहता कि इस तरह का कोई कानून बने. लेकिन अब इनके विरोध के बाद भी देश हित में हमारी सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड का कानून लेकर आएगी. 

Web Title: Uniform Civil Code not accepted by Muslim Personal Law Board, Mohsin Raza said Government will bring Uniform Civil Code law interest country

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