शीतला अष्टमी व्रत होली के आठवें दिन पड़ता है। इस दिन शीतला माता को पूजने की परंपरा है। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को ये व्रत किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से बीमारियों से रक्षा होती है। शीतला अष्टमी के दिन घर में चूल्हा नहीं जलाना चाहिए और माता को बासी प्रसाद ही चढ़ाया जाता है। शीतला अष्टमी को कई जगहों पर बसौड़ा या बसोरा भी कहा जाता है। Read More
Sheetala Ashtami 2024: स्कंद पुराण के अनुसार ब्रह्मा जी ने सृष्टि को स्वस्थ और निरोगी रखने की जिम्मेदारी शीतला माता को सौंपी है। यही वजह है कि देवी शीतला की उपासना से बच्चे से लेकर बड़े तक सेहतमंद रहते हैं। ...
ज्यादातर परिवार शीतला अष्टमी के दिन एक दिन पहले खाना बनाते हैं और बासी खाना खाते हैं। माना जाता है कि देवी शीतला चेचक, चेचक, खसरा और अन्य बीमारियों को नियंत्रित करती हैं और लोग इन बीमारियों के प्रकोप को रोकने के लिए उनकी पूजा करते हैं। ...
April Vrat-Tyohar List: अप्रैल के महीने में कई व्रत और त्योहार पड़ने वाले हैं। इसमें चैत्र नवरात्रि से लेकर चैती छठ, रामनवमी भी शामिल हैं। यहां देखें पूरी लिस्ट ...
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शीतला माता का स्वरूप अत्यंत शीतल है, जो रोग-दोषों को हरण करने वाली हैं। माता के हाथों में कलश, सूप, झाड़ू और नीम के पत्ते हैं और वे गधे की सवारी करती हैं। ...
Sheetla Ashtami: चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का समापन 17 मार्च को तड़के 02.59 बजे होगा। पूजा का शुभ मुहूर्त आज सुबह 6:46 बजे से शाम 06:48 बजे तक है। ...