भारत के दक्षिण राज्य, केरल में मौजूद है सबरीमाला श्री अयप्पा मंदिर। मक्का-मदीना के बाद इसे दूसरा सबसे बड़ा तीर्थ स्थल कहा जाता है। बताया जाता है कि हर साल यहां 80 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। केरल के सबरीमाला पर्वत श्रृंखला पर स्थित यह मंदिर स्वामी अयप्पा को समर्पित है। सुप्रिम कोर्ट के फैसले के बाद इस मंदिर में 12 से 50 साल की उम्र की महिलाएं भी अब प्रवेश कर सकती हैं। इससे पहले सिर्फ पुरूष ही इस मंदिर और स्वामी अयप्पा के दर्शन कर सकते थे। इस साल मंदिर के कपाट 17 अक्टूबर से खुल रहे हैं। Read More
सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमला मंदिर, मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश तथा दाऊदी बोहरा समाज में स्त्रियों के खतना सहित विभिन्न धार्मिक मुद्दे गुरुवार को नए सिरे से विचार के लिए सात सदस्यीय संविधान पीठ को सौंप दिए। ...
न्यायमूर्ति नरिमन ने सालिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा, ‘‘कृपया अपनी सरकार को सबरीमला मामले में कल सुनाये गये असहमति के फैसले को पढ़ने के लिये कहें, जो बहुत ही महत्वपूर्ण है.....अपने प्राधिकारी को सूचित कीजिये और सरकार को इसे पढ़ने के लिये कहिये।’’ ...
पिछले साल नंवबर में मंदिर जाने की असफल कोशिश करने वाली महिला कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने कहा कि सात न्यायाधीशों की पीठ के फैसला करने तक महिलाओं को सबरीमला मंदिर में प्रवेश मिलना चाहिए। ...
सबरीमला मंदिर 17 नवंबर को खुल रहा है। चूंकि, बहुमत के फैसले ने समीक्षा याचिका को सात न्यायाधीशों की वृहद पीठ के पास लंबित रखा है और 28 सितंबर 2018 के फैसले पर रोक नहीं लगायी है इसलिए सभी आयु वर्ग की लड़कियां और महिलायें मंदिर में जाने की पात्र हैं। ...
सात न्यायाधीशों की वृहद पीठ के पास भेजते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध केवल सबरीमला तक ही सीमित नहीं है बल्कि अन्य धर्मों में भी ऐसा है। ...
उच्चतम न्यायालय ने सबरीमला मामले में दिए गए उसके फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिकाएं सात न्यायाधीशों की वृहद पीठ के पास भेजते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध केवल सबरीमला तक ही सीमित नहीं है बल्कि अन ...
सबरीमाला मंदिर में मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन एक ज्योति नजर आती है। जिसे देखने के लिए लोग भारी संख्या में यहां इकट्ठा होते हैं। यहां के लोगों की आस्था है कि इस ज्योत को कोई और नहीं बल्कि खुद भगवान के द्वारा जलाया जाता है। ...
सबरीमाला विवाद पर फैसला पढ़ते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस केस का असर सिर्फ इस मंदिर नहीं बल्कि मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश, अग्यारी में पारसी महिलाओं के प्रवेश पर भी पड़ेगा। ...