रेपो रेट का एकदम उल्टा होता है रिवर्स रेपो रेट। यानि बैंक अपने दिनभर के काम के बाद बची हुई रकम को रिजर्व बैंक के पास जमा कर देते हैं और उस पर मिलने वाले ब्याज को रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है। रिवर्स रेपो रेट का सीधा असर बाजार पर पड़ता है। अगर रिवर्स रेपो रेट ज्यादा हो तो बैंक ज्यादा पैसे रिजर्व बैंक के पास जमा करा देते हैं और बाजार में नकदी की कमी हो जाती है। रिवर्स रेपो रेट कम होने पर बाजार में कैश फ्लो बढ़ जाता है। Read More
रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों को कोई बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की समीक्षा बैठक के बाद ये घोषणा की। ...
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मौद्रिक नीति समिति की बैठक के नतीजों का ऐलान किया। इस बार भी रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ...
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है। फिलहाल रेपो रेट 4 और रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत है। ...
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने तीन दिनों की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद बताया है कि इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जाहिर है इससे ईएमआई पर कोई राहत नहीं मिलने जा रही है। ...