नागा साधु आम लोगों की तरह रुद्राक्ष के एक, दो दाने या फिर इसकी केवल एक माला नहीं पहनते हैं। कुंभ मेले में आपको रुद्राक्ष की ढेर सारी मालाओं से अपने तन को ढकने वाले नागा साधु दिख जाएंगे। ...
अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के नागपुर केंद्र श्री श्री राधा गोपीनाथ मंदिर के तत्वावधान में जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन 9 फरवरी को किया जायेगा। इसकी तैयारियों की बैठक मंदिर प्रांगण में हुई। इसकी अध्यक्षता नागपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोस ...
मकर संक्रांति पर गुड़ और तिल से बने पकवानों को बनाने और उनके सेवन का भी महत्व है। इसके अलावा इस महान दिन पर दान पुण्य करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। ...
मकर संक्रांति पर देश के हर कोने में अलग अलग तरीके से खिचड़ी और तिल के व्यंजन पकाए जाते हैं। इन्हें मकर संक्रांति के दिन बनाया जाता है और भगवान को भोग लगाने के बाद अगले दिन सूर्य उदय के पश्चात ही ग्रहण किया जाता है। ...
नागा साधुओं को भगवान शिव के सच्चे भक्त के रूप में संबोधित किया जाता है। ये साधु कुंभ मेले के दौरान भारी संख्या में दिखते हैं। कड़ाके की ठंड में ये साधु निर्वस्त्र घूमते हैं। शरीर पर केवल भस्म लगाते हैं। ...
इतिहास में पहली बार एक महा उत्सव के रूप में कुंभ मेले की शुरुआत आदि शंकराचार्य द्वारा की गई थी। उन्होंने ही चार मुख्य तीर्थों को कुंभ मेले के चार पीठ के रूप में स्थापित कराया था ...
सबरीमाला मंदिर विवाद: मंदिर तक जाने वाली 8 सीढ़ियों का काफी महत्व है। इनमें से 5 सीढ़ियां पांच इंद्रियों को दर्शाती है और बाकी 3 काम, क्रोध और लोभ को दर्शाती हैं। ...