भस्म लगाना, नग्न रहना, कुल 5 चीजों से बनता है नागा साधुओं का विचित्र रूप
By गुलनीत कौर | Published: January 15, 2019 04:16 PM2019-01-15T16:16:22+5:302019-01-15T16:16:22+5:30
नागा साधु आम लोगों की तरह रुद्राक्ष के एक, दो दाने या फिर इसकी केवल एक माला नहीं पहनते हैं। कुंभ मेले में आपको रुद्राक्ष की ढेर सारी मालाओं से अपने तन को ढकने वाले नागा साधु दिख जाएंगे।
कुंभ मेले में लाखों की संख्या में आने वाले नागा साधु इस मेले के आकर्षण का केंद्र होते हैं। यहां आने वाले हर शख्स की निगाहें इन्हीं पर होती हैं। इनका अद्भुत रूप और इन्हें मिली हुई ईश्वरीय शक्ति, इन्हें इस मेले में सबसे महत्वपूर्ण पायदान पर बिठाती है। लोग इनके पास आते हैं, आशीर्वाद लेते हैं और जाते समय दक्षीणा देकर जाते हैं।
कुंभ मेले के दौरान इन नागा साधुओं के भी अलग अलग रूप देखने को मिलते हैं। कुछ भगवा वस्त्र पहने हुए होते हैं तो कुछ नग्न अवस्था में ही घूम रहे होते हैं। बहुत कम लोग जानते हैं कि कुंभ की शोभा बढ़ाने वाले ये नागा साधू सूर्य उदय होने पर सबसे पहले स्नान करते हैं। इनके बाद ही अन्य श्रद्धालुओं को डुबकी लगाने का मौक़ा मिलता है। चलिए आपको बताते हैं नागा साधुओं के विचित्र रूप की पांच खास बातें:
1) तन पर लगाते हैं भस्म
भभूत कहें या भस्म या फिर राख, नागा साधु इसका सबसे अधिक प्रयोग करते हैं। वे इससे तिलक भी करते हैं और इसे अपने पूरे शरीर पर मलते भी हैं। वे इन्हें वस्त्र की तरह मानते हैं और इसे पूरे शरीर पर लगाकर अपने तन को भस्म से ढक लेते हैं। ये ही उनके वस्त्र हैं इसलिए नागा साधु अधिकतर नग्न ही रहते हैं।
2) माथे पर तिलक
कुंभ मेले के दौरान नागा साधुओं के अखाड़े के झंडे और तिलक, दोनों विभिन्न प्रकार के होते हैं। ये उनके अखाड़ों के हिसा से होते हैं। लेकिन तिलक सभी लगाते हैं, यह तय होता है। केवल तरीका अलग होता है। शैव परंपरा के साधु अलग तरीके से तिलक लगाते हैं और वहीं वैष्णव परंपरा के नागा साधु का तिलक आपको अलग तरीके का दिखाई देगा।
3) नागा साधू पहनते हैं रुद्राक्ष
नागा साधु आम लोगों की तरह रुद्राक्ष के एक, दो दाने या फिर इसकी केवल एक माला नहीं पहनते हैं। कुंभ मेले में आपको रुद्राक्ष की ढेर सारी मालाओं से अपने तन को ढकने वाले नागा साधु दिख जाएंगे। कुछ साधुओं ने तो इन मालाओं से अपनी जटाओं को भी लपेटा होता है। इनके इसी विभित्र रूप से लोग आकर्षित होते हैं।
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4) नागा साधु की जटाएं
कुंभ मेले में आपको सिर के बाल मुंडाए हुए कई सारे नागा साधु देखने को मिल जाएंगे। लेकिन अधिकतर साधु आपको मोटी जटाओं वाले दिखेंगे। इन जटाओं में कई बार उन्होंने रुद्राक्ष की देर सारी बालाएं भी लपेटी होती हैं। कई साधुओं की जटाएं तो जमीन को भी छू रही होती हैं।
5) कुंडल, अंगूठियां, कड़ा
उपरोक्त चीजों के अलावा नागा साधुओं के कानों में कुंडल, हाथों में मोटा कड़ा और उंगलियों में ढेर सारी अंगूठियाँ भी दिखती हैं। ये छोटी छोटी चीजें उनके श्रृंगार को पूरा करती हैं। उन्हें अन्य साधुओं से अलग बनाती हैं।