पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' देकर सम्मानित किया गया है। प्रणब मुखर्जी ने कांग्रेस पार्टी के साथ पांच दशक लंबी राजनीतिक पारी खेली है। इस दौरान वो अलग-अलग पदों पर रहे। 2012 में भारत का राष्ट्रपति बनने से पहले वो भारत के वित्त मंत्री थे। 2012 से 2017 के बीच भारत के राष्ट्रपति रहे। मुखर्जी को साल 1969 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी राजनीति में लेकर आई थी और राज्यसभा के लिए चुना था। Read More
'भारत रत्न’ मुखर्जी के निधन पर देश में सात दिनों का राष्ट्रीय शोक है। मुखर्जी के अंतिम दर्शन के लिए कई नेता और अन्य लोग उनके आवास 10 राजा जी मार्ग पहुंचे। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बताया कि नेताओं ने मुखर्जी की तस्वीर पर पुष्प आर्पित किए और ...
वेंटिलेटर पर रखे जाने से पहले उन्होंने उनसे मिराती से 'कटहल' लाने को कहा था। अभिजीत कोलकाता से मिराती गए और तीन अगस्त को 25 किलोग्राम का कटहल लेकर ट्रेन से दिल्ली रवाना हो गये। ...
वे यूपीए सरकार-1 और 2 के लिए सबकुछ थे. प्रणब दा तीक्ष्ण बुद्धि के थे और उनकी याददाश्त बेजोड़ थी. इन गुणों के कारण सटीक जानकारी देते थे और और सटीक फैसले लेते थे. ...
प्रणब मुखर्जी पश्चिम बंगाल के एक छोटे से शहर से आए थे लकिन वो जिस ऊंचाई पर पहुंचे, ऐसे उदाहरण बहुत कम ही मिलते हैं। भारत में शक्ति के सर्वोच्च स्थान तक पहुंचना, एक आम आदमी के राजनीतिक सपनों की पूर्ति का सफर ही था। ...
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन सोमवार शाम हो गया। कोरोना संक्रमित होने के बाद वे पिछले कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। बाद में उनके फेफड़ों में भी संक्रमण हो गया था। ...
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर बांग्लादेश की ओर से भी एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने अपनी संवेदना जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। ...