प्रणब मुखर्जी के चश्मे की सुरक्षा में जब तैनात किए गए थे 10 लंगूर

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: September 1, 2020 10:36 AM2020-09-01T10:36:55+5:302020-09-01T10:36:55+5:30

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन सोमवार शाम हो गया। कोरोना संक्रमित होने के बाद वे पिछले कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। बाद में उनके फेफड़ों में भी संक्रमण हो गया था।

When langurs deployed for protection of Pranab Mukherjee spectacles in Mathura | प्रणब मुखर्जी के चश्मे की सुरक्षा में जब तैनात किए गए थे 10 लंगूर

प्रणब मुखर्जी के चश्मे की सुरक्षा में जब तैनात किए गए थे लंगूर (फाइल फोटो)

Highlightsप्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति रहने के दौरान मथुरा और वृंदावन दौरे से जुड़ी से ये कहानीप्रणब मुखर्जी के चश्मे को बंदरों से बचाने के लिए 10 लंगूरों की भी की गई थी तैनाती

राष्ट्रपति की सुरक्षा में खास तरह से ट्रेंड किए गए जवान तैनात रहते हैं। राष्ट्रपति के लिए इस तरह की चाक-चौबंद सुरक्षा रहती है कि वहां परिंदा भी पर नहीं मार पाता है। जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति थे तब उनके चश्मे से जुड़ा एक वाकया काफी चर्चित हुआ था। साल 2014 के नवंबर महीने की बात है, प्रणब मुखर्जी बतौर राष्ट्रपति मथुरा और वृंदावन के मंदिरों में पूजा करना चाहते थे।

राष्ट्रपति खासकर वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में भगवान कृष्ण और राधा के दर्शन करना चाहते थे। इस दौरे को लेकर राष्ट्रपति के लिए खास सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। लेकिन प्रशासन को एक बात की चिंता सता रही थी कि प्रणब मुखर्जी के चश्मे की सुरक्षा में कोई सेंध नहीं लग जाए।

चश्मे की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए 10 लंगूर

मथुरा और वृंदावन में काफी संख्या में बंदर रहते हैं। वे यहां आने वाले लोगों का चश्मा छीन कर भाग जाते हैं। प्रणब मुखर्जी चश्मा लगाते थे, इसलिए सुरक्षा बलों को चिंता सता रही थी कि ये बंदरों से कैसे निपटेंगे। बंदरों से निपटने के लिए सुरक्षा बलों ने एक तरकीब निकाली।

मथुरा जिले के तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी ने प्रणब मुखर्जी के चश्मे की सुरक्षा के लिए सुरक्षा दस्ते में 10 लंगूरों को शामिल किया था। साथ ही मंदिर प्रशासन से भी मंदिर के आस-पास लंगूर तैनात करने के लिए कहा गया था। प्रणब मुखर्जी मथुरा के वृंदावन चंद्रोदय मंदिर में गर्भगृह शिलान्यास समारोह में पहुंचे थे।

वैसे तो राष्ट्रपति सेना के तीनों अंगों के सुप्रीम कमांडर हैं, जिनमें सवा 13 लाख से ज्यादा फौजी हैं। उनकी हिफाजत आर्मी के प्रेसिडेंट बॉडी गार्ड्स करते हैं। आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के तीन एडीसी उनकी सिक्योरिटी में होते हैं, लेकिन वृंदावन में उनकी सुरक्षा में करीब 4 हजार अफसर-जवानों के अलावा 10 लंगूर भी शामिल करने पड़े थे।

मथुरा और वृंदावन में जिन सड़कों से प्रणब मुखर्जी गुजरे थे, वहां, घरों की छतों पर लंगूर तैनात किए गए थे। इसके लिए बकायदा मॉड ड्रिल की गई थी। मालूम हो कि बंदर लंगूर से डरकर भाग जाते हैं।

Web Title: When langurs deployed for protection of Pranab Mukherjee spectacles in Mathura

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