निमोनिया में एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसमें फेफड़ों के वायु वाले थैले में मवाद, पानी, तरल पदार्थ भर जाते हैं. ऐसा होने से बलगम वाली खांसी, सर्दी जैसे लक्षण आम हो जाते है. ऐसा माना जाता है कि यह रोग पूरी दुनिया में बच्चों की मौत का सबसे प्रमुख कारण है. लगातार जुकाम, खांसी, कंपकंपी, बुखार और सांस लेने में दिक्कत अगर समय रहते दूर न हो, तो इसे केवल ठंड की बीमारी नहीं समझना चाहिए क्योंकि यह न्यूमोनिया की शुरुआत भी हो सकती है. Read More
अस्पताल में जब बच्ची की चिकित्सा जांच की गई तब डॉक्टरों ने बीमारी का कारण माइकोप्लाज्मा निमोनिया (Mycoplasma pneumoniae ) पाया। इसे 'चीनी निमोनिया' कहा जाता है क्योंकि पिछले साल नवंबर में चीन में माइकोप्लाज्मा निमोनिया के कारण होने वाली सांस की बीमार ...
चीन में रहस्यमय निमोनिया के प्रकोप के कारण देश में अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है और इसका कारण लॉकडाउन के कारण उत्पन्न प्रतिरक्षा ऋण को माना जा रहा है। ...
WHO के अनुसार, चीन के उत्तरी हिस्सों में सांस की बीमारी में वृद्धि हुई है। यह मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और SARS-CoV-2 जैसे सामान्य कारणों के लिए जिम्मेदार है। ...
चीन में फैल रहे निमोनिया मामलों के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कड़े कदम उठाने का निर्णय करते हुए राज्यों को गाइडलाइन जारी कर दी है। इससे पहले भारत में कोविड-19 जैसी महामारी भी फैल चुकी है, जो पहले चीन में शुरू हुई थी, इसलिए यह देखते हुए क ...
विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ ने कहा है कि न्यूमोनिया के कारण भारत में हर साल शून्य से पांच वर्ष आयुवर्ग के एक लाख से ज्यादा बच्चों की मौत हो जाती है। ...
पीड़िता के गले में छोटा सा छेद करके (ट्रैकियोस्टोमी) ट्यूब द्वारा आक्सीजन दी जा रही है, उसे अभी तक होश नहीं आया है और डाक्टरों की टीम 24 घंटे उसकी निगरानी कर रही है।’ ...
निमोनिया बच्चों की मौतों के लिए दुनिया की प्रमुख संक्रामक बीमारी बनकर सामने आया है जिससे हर साल पांच साल से कम आयु के आठ लाख से अधिक बच्चों की मौत हो जाती है। प्रतिदिन के हिसाब से यह संख्या दो हजार से अधिक है। अध्ययन में कहा गया है, ‘‘भारत में, 2017 ...