देश में 2018 में निमोनिया के चलते हर घंटे 14 से अधिक बच्चों की मौत हुई: अध्ययन

By भाषा | Published: November 13, 2019 06:14 PM2019-11-13T18:14:02+5:302020-03-13T11:17:22+5:30

निमोनिया बच्चों की मौतों के लिए दुनिया की प्रमुख संक्रामक बीमारी बनकर सामने आया है जिससे हर साल पांच साल से कम आयु के आठ लाख से अधिक बच्चों की मौत हो जाती है। प्रतिदिन के हिसाब से यह संख्या दो हजार से अधिक है। अध्ययन में कहा गया है, ‘‘भारत में, 2017 में निमोनिया के कारण 14 प्रतिशत बच्चों की मौत हो गई।

Over 14 children died every hour due to pneumonia in the country in 2018: study | देश में 2018 में निमोनिया के चलते हर घंटे 14 से अधिक बच्चों की मौत हुई: अध्ययन

देश में 2018 में निमोनिया के चलते हर घंटे 14 से अधिक बच्चों की मौत हुई: अध्ययन

Highlights 2018 में हर घंटे पांच साल से कम उम्र के 14 से अधिक बच्चों की मौत निमोनिया से हुई। निमोनिया से 2018 में पांच साल से कम आयु के 1,27,000 बच्चों की मौत हुई।

भारत में 2018 में हर घंटे पांच साल से कम उम्र के 14 से अधिक बच्चों की मौत निमोनिया से हुई। यह जानकारी एक अध्ययन में सामने आई है। भारत उस वर्ष वैश्विक स्तर पर इस बीमारी के कारण होने वाली बच्चों की आधी से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार शीर्ष पांच देशों में से एक है। ‘सेव द चिल्ड्रन’, यूनीसेफ और ‘एवरी बर्थ काउंट्स’ द्वारा किये गये अध्ययन- ‘भारत में सांस लेने की लड़ाई’- में कहा गया है कि निमोनिया से 2018 में पांच साल से कम आयु के 1,27,000 बच्चों की मौत हुई।

‘सेव द चिल्ड्रन’ के स्वास्थ्य एवं पोषण के उप निदेशक डा.राजेश खन्ना ने कहा कि भारत में, निमोनिया के कारण हर चार मिनट में पांच साल से कम आयु के एक बच्चे की मौत हो जाती है और इसके लिए कुपोषण और प्रदूषण दो प्रमुख कारक जिम्मेदार हैं।

अध्ययन में कहा गया है कि निमोनिया के कारण आधे से अधिक मौतें पांच देशों नाइजीरिया (1,62,000), भारत (1,27,000), पाकिस्तान (58,000), कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (40,000) और इथोपिया (32,000) में हुई। उन्होंने कहा, ‘‘निमोनिया के कारण आधे से अधिक बच्चों की मौतों से जुड़ा कारण कुपोषण है। इन मौतों के लिए 22 प्रतिशत भीतरी वायु प्रदूषण और 27 प्रतिशत बाहरी वायु प्रदूषण जिम्मेदार है।’’

निमोनिया बच्चों की मौतों के लिए दुनिया की प्रमुख संक्रामक बीमारी बनकर सामने आया है जिससे हर साल पांच साल से कम आयु के आठ लाख से अधिक बच्चों की मौत हो जाती है। प्रतिदिन के हिसाब से यह संख्या दो हजार से अधिक है। अध्ययन में कहा गया है, ‘‘भारत में, 2017 में निमोनिया के कारण 14 प्रतिशत बच्चों की मौत हो गई।

वर्ष 2018 में निमोनिया से पांच साल से कम आयु के 1,27,000 से अधिक बच्चों की मौत हुई।’’ अध्ययन में कहा गया है भारत में 2016 में सरकार ने 16 डॉलर प्रति व्यक्ति के हिसाब से स्वास्थ्य पर खर्च किये। यूनीसेफ के कार्यकारी निदेशक हेनेरीटा फोर ने कहा, ‘‘निमोनिया के कारण प्रतिदिन, पांच साल से कम आयु के लगभग 2,200 बच्चों की मौत हो जाती है। इस बीमारी के खिलाफ लड़ने के लिए कड़ी वैश्विक प्रतिबद्धता और निवेश में वृद्धि करना महत्वपूर्ण है।’’ 

Web Title: Over 14 children died every hour due to pneumonia in the country in 2018: study

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