भारतीय संविधान में भीड़ के द्वारा की गई हिंसा के लिए कोई कानून नहीं बनाया गया था। इसका फायदा उठाकर भारत में कई वारदातों को भीड़ ने अंजाम दिया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मुताबिक भारत की सबसे बड़ी मॉब लिंचिंग साल 1984 में हुई थी। जबकि कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि मॉब लिंचिंग का इंतिहास पुराना है। साल 1947 में जब हिन्दुस्तान को आजादी मिली और देश के दो टुकड़े हुए, भारत और पाकिस्तान, तब भी भीड़ ने कइयों को मौत के घाट उतार दिया था। तब उसे दंगे का नाम दिया गया था। लेकिन कई जगहों पर भारी मॉब लिंचिंग हुई थी। Read More
दुमका के पुलिस निरीक्षक अम्बर लकड़ा ने कहा कि काठीकुण्ड के झिलिमिली गांव में मॉब लिंचिंग की घटना हुई। स्थानीय लोगों ने दो लोगों को बकरी चोरी के आरोप में पकड़कर पीटा था जिसमें एक की मौत, जबकि दूसरा व्यक्ति घायल हो गया। ...
याचिका में इस मामले के मुकदमे की सुनवाई पालघर की अदालत से स्थानांतरित करके दिल्ली में त्वरित अदालत को सौंपने का भी अनुरोध किया गया है। पुलिस ने इस सनसनीखेज घटना के सिलसिले में 110 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इनमें नौ आरोपी नाबालिग हैं और उन्हें क ...
महाराष्ट्र के पालघर जिले के दहानू की एक अदालत ने हाल ही में गढ़चिंचले गांव में दो साधुओं और उनके चालक की कथित तौर पर भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या के आरोप में गिरफ्तार 101 आरोपियों को गुरुवार को 13 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। ...
Palghar mob lynching Case: 16 अप्रैल की रात तीन व्यक्ति (दो साधु और एक ड्राइवर) मुंबई के कांदीवली से कार में सवार होकर गुजरात के सूरत जा रहे थे। इसी दौरान, पालघर जिले में भीड़ ने इन्हें चोर समझकर उनके वाहन को रोक लिया और उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी। ...
मॉब लिंचिंग के लिए भारतीय भाषाओं हिंदी या मराठी में हमारे पास कोई उपयुक्त शब्द नहीं है, क्योंकि ऐसी घटनाएं भारत में होती नहीं थीं. 2014 के पूर्व न्यायेतर हत्याएं भले होती रही हों लेकिन ऐसे संगठित तरीके से नहीं होती थीं जैसे कि अब हो रही हैं और अपराधी ...
सांप्रदायिकता इस देश के लिए कोई नई बात नहीं है. इसी ने देश के टुकड़े किए थे. लेकिन विभाजन के बाद यह मान लिया गया था कि अब हम हिंदू-मुसलमान, सिख या ईसाई के बजाय एक भारतीय के रूप में जीना सीख लेंगे. पर ऐसा नहीं हुआ. ...
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ईश्वर निकुले और भाऊ साठे को आरोपी संख्या क्रमश: 61 और 65 के रूप में नामजद किया गया है। वे दोनों पालघर जिले में भाजपा की दहानु मंडल इकाई के पदाधिकारी हैं। ...
महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की भीड़ हिंसा में मौत होने की घटना पर गहरा दुख प्रकट करते हुये भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने भीड़ हिंसा में मौत होने के मामलों में सजा-ए-मौत का प्रावधान करना वक्त की मांग है। ...