हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति का त्योहार बेहद खास और महत्वपूर्ण माना जाता है। सूर्य के राशि परिवर्तन को ही संक्रांति कहते हैं। इस तरह साल में 12 संक्रांति आते हैं। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तभी मकर संक्रांति का पर्व को मनाया जाता है। वर्तमान समय में जनवरी के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन इसे मनाया जाता है। मकर संक्रांति के साथ एक माह से चला रहा खरमास या मलमास खत्म हो जाता है और शुभ कार्य शुरू किए जाते हैं। परंपराओं के अनुसार मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। साथ ही दान आदि भी किया जाता है। इस दिन तिल का महत्व काफी खास हो जाता है। तिल का दान, और इसका सेवन शुभ माना गया है। मकर संक्रांति के दिन गुजरात में अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव भी मनाया जाता है। Read More
Makar Sankranti 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देशभर में मनाए जा रहे मकर संक्रांति और माघ बिहू समेत विभिन्न त्योहारों पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। ...
भाजपा की ओर से पार्टी कार्यालय और विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव से लेकर मंत्रियों के आवास के बाहर भी पोस्टर लगाया गया है। हालांकि, यह भोज भाजपा के नेता देंगे न कि पार्टी के तरफ से आधिकारिक रूप से भोज दिया जा रहा है। ...
Mahakumbh 2025: गंगा, यमुना और 'रहस्यमय' सरस्वती नदियों के पवित्र संगम त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाने के लिए बड़ी संख्या में लोग प्रयागराज पहुंच रहे हैं ...