चन्द्रग्रहण उस खगोलीय घटना को कहते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी से ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में चला जाता है। इस दौरान सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा एक ही क्रम में लगभग सीधी रेखा में आ जाते हैं। विज्ञान के इतर हिन्दू धर्म में ज्योतिष शास्त्र की चन्द्रग्रहण की अपनी एक परिभाषा है जिसके अनुसार चंद्रमा के आगे राहु-केतु नाम की खगोलीय बिंदु बन जाती है। राहु-केतु ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक छाया ग्रह हैं। इनके प्रभाव से व्यक्ति विशेष पर बुरा असर पड़ता है इसलिए शास्त्रों में ग्रहण से बचने के लिए विभिन्न उपाय दर्ज हैं। Read More
साल 2020 में दूसरा चंद्र ग्रहण आज यानी 5 जून को लगेगा। इसे उपछाया चंद्र ग्रहण भी कहा जा रहा है। उपछाया चंद्र ग्रहण, यानि धार्मिक लिहाज से इसे ज्यादा मान्यता हासिल नहीं है। आज शुक्रवार को लगने वाला उपछाया चंद्र ग्रहण रात में 11 बजकर 11 मिनट से शुरू हो ...
5 जून को साल का दूसरा ग्रहण लगने जा रहा है। ये चन्द्र ग्रहण होगा। जून और जुलाई का ये महीना इसलिए भी खास है क्योंकि इस महीने में तीन ग्रहण लगने जा रहे हैं। अकेले जून के महीने में ही चन्द्र और सूर्य ग्रहण एक साथ लगने जा रहे हैं। हलांकि ज्योतिष शास्त्र ...
चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य जब एक सीध पर होते हैं और पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है तो चंद्र ग्रहण माना जाता है। लेकिन इस बार चंद्रमा पृथ्वी की छाया के बाहरी किनारे (पृथ्वी की उपछाया) से होकर गुजरेगा। यानी चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में छिपे ...