एक जनवरी 1818 को ईस्ट इंडिया कंपनी और पेशवा बाजीराव द्वितीय की सेना के बीच पुणे के निकट भीमा नदी के किनारे कोरेगांव नामक गाँव में युद्ध हुआ था। एफएफ स्टॉन्टन के नेतृत्व में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवा की सेना को गंभीर नुकसान पहुँचाया। ब्रिटिश संसद में भी भीमा कोरेगांव युद्ध की प्रशंसा की गयी। ब्रिटिश मीडिया में भी इस युद्ध में अंग्रेज सेना की बहादुरी के कसीदे काढ़े गये। इस जीत की याद में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोरेगांव में 65 फीट ऊंचा एक युद्ध स्मारक बनवाया जो आज भी यथावत है। भीमा कोरेगांव के इतिहास में बड़ा मोड़ तब आया जब बाबासाहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने कोरेगांव युद्ध की 109वीं बरसी पर एक जनवरी 1927 को इस स्मारक का दौरा किया। शिवराम कांबले के बुलावे पर ही बाबासाहब कोरेगांव पहुंचे थे। बाबासाहब ने भीमा कोरेगांव स्मारक को ब्राह्मण पेशवा के जातिगत उत्पीड़न के खिलाफ महारों की जीत के प्रतीक के तौर पर इस युद्ध की बरसी मनाने की विधवित शुरुआत की। इस साल एक जनवरी को भीमा-कोरेगांव की 200वीं बरसी पर आयोजित आयोजन का कई दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध किया था। विरोध करने वालों में अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा, हिन्दू अगाड़ी और राष्ट्रीय एकतमाता राष्ट्र अभियान ने शामिल थे। ये संगठन इस आयोजन को राष्ट्रविरोधी और जातिवादी बताते हैं। Read More
जिला कलेक्टर नवल किशोर राम ने सोमवार को बताया कि लोग कोरेगांव भीमा आ सकते हैं और आयोजन के दौरान युद्ध स्मारक जय स्तंभ पर श्रद्धांजलि दे सकते हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर किसी तरह की तख्तियां, बैनर लाने या नारेबाज ...
पुणे पुलिस ने नौ कार्यकर्ताओं सुधीर धावले, रोना विल्सन, सुरेंद्र गाडलिंग, महेश राऊत, शोमा सेन, अरुण फरेरा, वर्नोन गोंजाल्विस, सुधा भारद्वाज और वरवर राव को गिरफ्तार किया था. ...
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एवं राकांपा नेता जयंत पाटिल ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘हमें कई लोगों से ज्ञापन मिला था जिसमें दावा किया गया था कि उन्हें कोरेगांव-भीमा (हिंसा) मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है। ऐसे कदम पहले भी उठाए गए थे।’’ ...
'लोकमत' के साथ बातचीत में अधिवक्ता राठौड़ ने बताया कि जिन चार लोगों की जासूसी की गई है उनमें उनके अलावा वीरा साथीदार, अधिवक्ता सुरेंद्र गडलिंग की पत्नी व अधिवक्ता जगदीश मेश्राम (गढ़चिरोली) का समावेश है. ...
न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल ने तीनों कार्यकर्ताओं की जमानत याचिकाओं को अस्वीकार कर दिया और कहा कि उनके खिलाफ प्रथमदृष्टया सबूत हैं। कोरेगांव भीमा में 31 दिसंबर, 2017 को आयोजित एल्गार परिषद के कार्यक्रम के कारण इलाके में अगले दिन हिंसा भड़क गयी थी। ...
उच्चतम न्यायालय ने कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में आरोपी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि शुक्रवार को 15 अक्टूबर तक के लिए बढ़ायी थी। ...
पीठ ने कहा कि यह बिना आधार और सबूत वाला मामला नहीं है। पीठ ने नवलखा की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी, जिन्होंने जनवरी 2018 में पुणे पुलिस द्वारा उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को खारिज करने की मांग की थी। ...