कोरेगांव-भीमा हिंसा मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा को गिरफ्तारी से मिली अंतरिम राहत चार हफ्ते के लिए और बढ़ा दी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 15, 2019 04:32 PM2019-10-15T16:32:30+5:302019-10-15T16:53:06+5:30

उच्चतम न्यायालय ने कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में आरोपी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि शुक्रवार को 15 अक्टूबर तक के लिए बढ़ायी थी।

Koregaon-Bhima violence case: Supreme Court extends interim relief from arrest of Navlakha for four weeks | कोरेगांव-भीमा हिंसा मामलाः सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा को गिरफ्तारी से मिली अंतरिम राहत चार हफ्ते के लिए और बढ़ा दी

बंबई उच्च न्यायालय ने इस मामले में नवलखा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से इंकार करते हुये उन्हें तीन सप्ताह तक गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था।

Highlightsउन्हें पहले गिरफ्तारी से संरक्षण दिया गया था। उन्हें इस बीच पूर्व गिरफ्तारी जमानत के लिए आवेदन करना होगा।न्यायालय ने गौतम नवलखा से मामले में गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिये संबंधित अदालत जाने को कहा। 

उच्चतम न्यायालय ने कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में मानव अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से प्राप्त अंतरिम संरक्षण की अवधि मंगलवार को चार सप्ताह के लिये बढ़ा दी।

न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने गौतम नवलखा से कहा कि इस मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत के लिये वह संबंधित अदालत में जायें। महाराष्ट्र सरकार के वकील ने जब नवलखा को और अंतरिम संरक्षण दिये जाने का विरोध किया तो पीठ ने सवाल किया कि उन्होंने एक साल से ज्यादा समय तक उनसे पूछताछ क्यों नहीं की थी।

गौतम नवलखा ने 31 दिसंबर, 2017 को ऐलगार परिषद के बाद कोरेगांव-भीमा में हुयी हिंसा की घटना के सिलसिले में जनवरी, 2018 में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने से इंकार करने के बंबई उच्च न्यायालय के 13 सितंबर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दे रखी है।

 उन्हें पहले गिरफ्तारी से संरक्षण दिया गया था। उन्हें इस बीच पूर्व गिरफ्तारी जमानत के लिए आवेदन करना होगा।उच्चतम न्यायालय ने कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में आरोपी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को गिरफ्तारी से संरक्षण की अवधि शुक्रवार को 15 अक्टूबर तक के लिए बढ़ायी थी।

बंबई उच्च न्यायालय ने इस मामले में नवलखा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने से इंकार करते हुये उन्हें तीन सप्ताह तक गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने गौतम नवलखा की याचिका पर सुनवाई के बाद महाराष्ट्र सरकार को इस मामले में उनके खिलाफ जांच के दौरान एकत्र की गयी सामग्री पेश करने का निर्देश दिया है।

पीठ ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली नवलखा की याचिका पर सुनवाई के लिये सहमति व्यक्त की और कहा कि इस मामले में 15 नवंबर को सुनवाई होगी। उच्च न्यायालय ने 2017 के कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले में जनवरी, 2018 में गौतम नवलखा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी निरस्त करने से 13 सितंबर को इंकार कर दिया था।

पुणे पुलिस ने 31 दिसंबर, 2017 को एलगार परिषद के बाद एक दिसंबर को कोरेगांव-भीमा में हुयी कथित हिंसा के मामले में जनवरी, 2018 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इस मामले में नवलखा के साथ ही वरवरा राव, अरूण फरेरा, वर्णन गोन्साल्विज और सुधा भारद्वाज भी आरोपी हैं।

Web Title: Koregaon-Bhima violence case: Supreme Court extends interim relief from arrest of Navlakha for four weeks

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