उड़ीसा राज्य का पुरी क्षेत्र जिसे पुरुषोत्तम पुरी, शंख क्षेत्र, श्रीक्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है, भगवान श्री जगन्नाथ जी की मुख्य लीला-भूमि है। उत्कल प्रदेश के प्रधान देवता श्री जगन्नाथ जी ही माने जाते हैं। यहाँ के वैष्णव धर्म की मान्यता है कि राधा और श्रीकृष्ण की युगल मूर्ति के प्रतीक स्वयं श्री जगन्नाथ जी हैं। इसी प्रतीक के रूप श्री जगन्नाथ से सम्पूर्ण जगत का उद्भव हुआ है। श्री जगन्नाथ जी पूर्ण परात्पर भगवान है और श्रीकृष्ण उनकी कला का एक रूप है। ऐसी मान्यता श्री चैतन्य महाप्रभु के शिष्य पंच सखाओं की है। पूर्ण परात्पर भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा आषाढ़ शुक्ल द्वितीया को जगन्नाथपुरी में आरम्भ होती है। यह रथयात्रा पुरी का प्रधान पर्व भी है। इसमें भाग लेने के लिए, इसके दर्शन लाभ के लिए हज़ारों, लाखों की संख्या में बाल, वृद्ध, युवा, नारी देश के सुदूर प्रांतों से आते हैं। Read More
इस बार मशहूर रथ यात्रा 23 जून को होनी है लेकिन देब ने बताया कि इस पर फैसला तीन मई तक लागू लॉकडाउन के बाद होगा। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस यात्रा को आयोजित करने को लेकर चर्चा की थी। ...
पटनायक ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि हर साल लगभग 10 लाख श्रद्धालु यह उत्सव मनाने के लिए पुरी में एकत्र होते हैं। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति के प्रमुख गजपति महाराज दिव्य सिंह देव ने इस बीच कहा कि 23 जून को होने वाले इस वार्षिक आयोजन के बारे ...
मंदिर की परंपरा के अनुसार देवी-देवताओं को साल में पांच बार सोने से सजाया जाता है। ऐसे चार समारोह मंदिर के अंदर होते हैं जबकि केवल ‘सुना बेशा’ अनुष्ठान 12वीं सदी से मंदिर के बाहर होता है। ...
मौसम अनुकूल रहा और पुरी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आयोजित भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा में देश- विदेश से श्रीक्षेत्र धाम आए दस लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भाग लिया.श्रद्धालु रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ के साथ ही भगवान बलभद्र, और देवी ...
ममता बनर्जी के बारे में बात करते हुये सांसद नुसरत जहां ने कहा, 'दीदी जब ईद में हमलोगों के साथ खड़ी रहती हैं तो हम भी उनके धर्म में उनके साथ रह सकते हैं। इसमें किसी भी तरह की कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। हमें धर्म और राजनीति को एक साथ नहीं मिलाना चाहि ...
ऐसी मान्यता है कि श्री जगन्नाथ, उनकी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलराम के रथ खींचने से पुण्य मिलता है। तमाम भक्तों के बीच इसकी होड़ भी देखने को मिलती है। ...
आज 4 जुलाई से पुरी की पवित्र जगन्नाथ रथ यात्रा का भी शुभारंभ हो रहा है। आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को हर साल होने वाले इस विशेष आयोजन का हिंदू मान्यताओं में विशेष महत्व है। ...
कथा के अनुसार श्रीकृष्ण की मृत्यु के बाद जब पांडवों ने उनका अंतिम संस्कार किया तो मानव शरीर तो अग्नि देव को समर्पित हो गया लेकिन उनका दिल जलता रहा। ...