इस मंदिर में आज भी रखा है भगवान श्रीकृष्ण का दिल, देखने वाले की हो जाती है मृत्यु! जानिए, क्या है सच्चाई

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 3, 2019 09:02 AM2019-07-03T09:02:08+5:302019-07-03T09:02:08+5:30

कथा के अनुसार श्रीकृष्ण की मृत्यु के बाद जब पांडवों ने उनका अंतिम संस्कार किया तो मानव शरीर तो अग्नि देव को समर्पित हो गया लेकिन उनका दिल जलता रहा।

puri jagannath temple mystery where heart of lord shri krishna has been kept | इस मंदिर में आज भी रखा है भगवान श्रीकृष्ण का दिल, देखने वाले की हो जाती है मृत्यु! जानिए, क्या है सच्चाई

जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा (फाइल फोटो)

Highlightsपुरी के जगन्नाथ मंदिर से जुड़ा है भगवान श्रीकृष्ण के दिल का रहस्यमान्यता के अनुसार भगवान जगन्नाथ जी की मूर्ति में धड़कता है दिल!

ओडिशा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ के प्रसिद्ध मंदिर से जुड़ी कई रहस्यमयी बातें प्रचलित हैं। इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ के साथ-साथ उनके बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा की भी मूर्ति है। हर साल निकलने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा तो पूरी दुनिया से श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। माना जाता है कि रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ के रथ की रस्सी खींचने या छूने भर से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा 4 जुलाई को शुरू हो रही है।

हालांकि, क्या आपको मालूम है कि इस मंदिर में आज भी भगवान श्रीकृष्ण का दिल रखा हुआ है। मान्यता के अनुसार श्रीकृष्ण का दिल उसी भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के अंदर मौजूद है जिसे हर 12 साल में बदला जाता है।

जगन्नाथ रथ यात्रा: क्या है श्रीकृष्ण के दिल के रखे होने का सच

मान्यता है कि भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण मानव रूप में द्वापर युग में इस धरती पर पैदा हुए थे। इसी युग में महाभारत और कौरव पांडवों का भी जिक्र आता है। चूकी श्रीकृष्ण मानव रूप में थे इसलिए उन्हें पृथ्वी से विदा भी होना था क्योंकि यहां आने वाला हर शख्स नश्वर होता है। ऐसे में महाभारत के युद्ध के करीब 36 साल बाद श्रीकृष्ण की मृत्यु हो गई।

कथा के अनुसार श्रीकृष्ण की मृत्यु के बाद जब पांडवों ने उनका अंतिम संस्कार किया तो मानव शरीर तो अग्नि देव को समर्पित हो गया लेकिन उनका दिल जलता रहा। उसमें से लगातार ज्योति निकल रही थी। यह देख पांडवों ने उनके दिल को जल में प्रवाहित कर दिया। कहते हैं कि जल में प्रवाहित होते ही उस दिल ने एक लट्ठ का रूप ले लिया और बहता हुआ राजा इंद्रदुम के पास पहुंच गया। भगवान के परम भक्त इंद्रदुम को जब लट्ठ की सच्चाई के बारे में मालूम हुआ तो उन्होंने उसे जगन्नाथ जी की मूर्ति में रखवा दिया।

जगन्नाथ रथ यात्रा: आज भी मूर्ति में है दिल, किसी के देखने पर है मनाही

मान्यता है कि उस दिन के बाद से श्रीकृष्ण का दिल जगन्नाथ जी की मूर्ति के अंदर ही है। प्रथा के अनुसार हर 12 साल में भगवान जगन्नाथ जी की मूर्ति बदली जाती है लेकिन उस दिल को कोई देख नहीं पाता। मूर्ति बदले जाने की प्रक्रिया के 'नवा-कलेवर' कहा जाता है।

दरअसल, मूर्ति बनाने वाले जब उस लट्ठ को नई मूर्ति में रखते हैं उनके आंखों पर पट्टी बांध दी जाती है। साथ ही हाथों पर भी कपड़े बांधे जाते हैं। इस क्रिया के दौरान बिजली भी काट दी जाती है ताकि अंधेरा रहे और कोई और नहीं देख सके। ऐसा कहा जाता है कि इस दिल को देखने वाले की मृत्यु हो जाएगी।

Web Title: puri jagannath temple mystery where heart of lord shri krishna has been kept

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे