केंद्र सरकार द्वारा हर साल जारी होने वाले 'आम बजट' में स्वास्थ्य बजट बेहद अहम है. देश की बढ़ती आबादी और तेजी से फैल रही बीमारियों को देखते हुए स्वास्थ्य बजट से लोगों को बहुत उम्मीद होती है. 2019-2020 वित्तीय वर्ष में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 62,659.12 करोड़ रुपये आवंटन हुए थे. स्वास्थ्य क्षेत्र का मानना है कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर कम खर्च करती है जिस वजह से इस क्षेत्र में सुधार नहीं हो पाता है। देश में अभी भी अस्पतालों की भारी कमी है। Read More
विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रेस्ट मिल्क में यूरेनियम के लिए दुनिया में कोई अनुमेय सीमा निर्धारित नहीं है, इसलिए इसका शिशुओं पर क्या दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा, यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। ...
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में प्रति 10,000 लोगों पर 16 बिस्तर उनके हिस्से आते हैं, जो कि आम जरूरत के हिसाब से काफी कम और अगर इसकी तुलना विकसित राष्ट्रों और उभरते मार्केट से कराएं तो बेहद ही कम है। ...
सरकार कैंसर और ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर बीमारियों को कवर करने की योजना बना रही है, जिन्हें अधिक वित्तीय सहायता की आवश्यकता है। 1 फरवरी को अंतरिम केंद्रीय बजट में इस संबंध में घोषणा की उम्मीद की जा सकती है। ...
इस योजना पर बोलते हुए नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के. पॉल ने कहा है कि ‘‘माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व के तहत, भारत अमृत काल में अगले 25 वर्षों में एक विकसित देश बन जाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में, भारत विक ...
5जी पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सेमीकंडक्टर का उत्पादन, 5जी नेटवर्क और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के साथ डिजिटल इंडिया अभियान शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और आम आदमी के जीवन में बदलाव जैसे तीन क्षेत्रों में अपनी क्षमता को दिखाता है। ...
Budget 2022: एसोचैम ने कहा कि उसके सर्वेक्षण में 47 प्रतिशत लोगों ने उम्मीद जताई कि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर सबसे अधिक ध्यान देंगी। ...