हेट स्पीच की कोई कानूनी परिभाषा तय नहीं है। किसी विशेष समूह के प्रति घृणा पैदा करना है, यह समूह एक समुदाय, धर्म या जाति हो सकता है। इस भाषा का अर्थ हो भी सकता है या नहीं भी हो सकता है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप हिंसा होने की संभावना होती है। इसे हेट स्पीच समझा जा सकता है। देश में भड़काऊ भाषण देने पर इंडियन पैनल कोड की धारा 153ए और 153 एए के तहत केस किया जा सकता है और मामला दर्ज होगा। इस मामले में धारा 505 भी जोड़ी गई है। Read More
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा द्वारा दिये गये विवादित भाषण एवं बयान के संबंध में सुनवाई करते हुए कहा कि निचली अदालत के तर्क के बावजूद आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 196 के तहत एफआईआर दर्ज क ...
सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति दलों द्वारा जनता के बीच धार्मिक मुद्दों को उठाये जाने पर तीखी आलोचना करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों का पहला और मुख्य कार्य देश में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना है लेकिन यह देखकर बेहद अफसोस होता है कि राजनीतिक दल जनता के बीच ...
कोर्ट ने कहा है कि ऐसे टीवी चैनल्स अपने धनदाताओं (मालिकों) के लिए काम करते है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा है कि ऐसे टीवी चैनल्स समाज में विभाजन पैदा कर रहे है। ...
इस मुद्दे पर बोलते हुए न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना ने कहा है कि सरकार के किसी कामकाज के संबंध में या सरकार को बचाने के लिए एक मंत्री द्वारा दिये गये बयान को सामूहिक जिम्मेदारी के सिद्धांत को लागू करते हुए अप्रत्यक्ष रूप से सरकार का बयान बताया जा सकता ...
बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद को लेकर की गई टिप्पणी पर विवाद अभी जारी है। इस बीच कर्नाटक में हिंदू संगठन के नेता के खिलाफ हेट स्पीच का मामला दर्ज किया गया है। ...