एजेंडे से प्रेरित टीवी चैनल्स प्रतिस्पर्धा के लिए बनाते है सनसनीखेज समाचार, नफरत फैलाने-समाज को बांटने वाले एंकरों को करो ऑफ एयर: सुप्रीम कोर्ट

By आजाद खान | Published: January 13, 2023 10:51 PM2023-01-13T22:51:52+5:302023-01-13T23:21:46+5:30

कोर्ट ने कहा है कि ऐसे टीवी चैनल्स अपने धनदाताओं (मालिकों) के लिए काम करते है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा है कि ऐसे टीवी चैनल्स समाज में विभाजन पैदा कर रहे है।

TV channels driven agenda create sensational news competition take off air anchors spread hatred divide society S Court | एजेंडे से प्रेरित टीवी चैनल्स प्रतिस्पर्धा के लिए बनाते है सनसनीखेज समाचार, नफरत फैलाने-समाज को बांटने वाले एंकरों को करो ऑफ एयर: सुप्रीम कोर्ट

फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने हेट स्पीच के एक मामले में टीवी चैनलों को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि टीवी चैनल्स एजेंडे से प्रेरित होते है। यही नहीं कोर्ट ने नफरत फैलाने वाले एंकर को ऑफ एयर करने की भी बात कही है।

नई दिल्ली: शुक्रवार को हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने टीवी चैनलों को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि ऐसे टीवी चैनल किसी एजेंडा से संचालित होते है और ये समाज में विभाजन पैदा करते है। 

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा है कि ऐसे चैनल सनसनीखेज न्यूजों के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं और ये अपने धनदाताओं (मालिकों) के लिए काम करते है यानी उनके अनुसार ही वे काम करते है। आपको बता दें कि हेट स्पीच से संबंधित याचिकाओं पर जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ सुनवाई कर रही थी, इस दौरान यह बात कही गई है। 

कोर्ट ने क्या कहा है

मामले में पीठ ने समाचार प्रसारण मानक प्राधिकरण (NBSA) और केंद्र सरकार से सवा पूछा है और कहा है कि टीवी चैनलों द्रारा इस तरह के प्रसारण को कैसे रोका जा सकता है। जस्टिस जोसेफ ने कहा, 'चैनल मुख्यतः एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। वे इसे सनसनीखेज बनाते हैं। आप (सरकार और एनबीएसए) इसे कैसे नियंत्रित करते हैं? भाषा और अभिव्यक्ति की आजादी महत्वपूर्ण है।'

कोर्ट ने आगे कहा है कि ऐसे टीवी चैनल्स समाचारों को सनसनीखेज बनाते है और लोगों के सामने जो कुछ भी परोसा जाता है, लोग उसको उपभोग करते है और अपना जीवन को उसी के आधार पर आकार देते है। शीर्ष कोर्ट ने यह भी कहा कि हर किसी मीडिया को यह सोचना चाहिए कि उनके मन में जो कुछ भी है उसे बोलना का अधिकार नहीं है, ऐसा इसलिए क्योंकि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जिम्मेदारी के साथ आती है। 

कोर्ट ने न्यूज एंकर्स को भी लगाया फटकार 

कोर्ट ने न्यूज एंकर्स को लेकर भी बोला है और कहा है कि 'अगर एंकरों पर जुर्माना हो, तो उन्हें पता चल जाएगा कि उन्हें इसकी कीमत चुकानी है।' शीर्ष कोर्ट ने कहा है कि जो न्यूज एंकर्स अपने प्रोग्राम में अभद्र भाषा को बढ़ावा देते है और इस में शामिल भी होते है, उन पर कड़ा कदम उठाना चाहिए। 

मामले में जस्टिस ने आगे कहा है कि जो एकंर्स आपत्तिजनक बातें करते है उन्हें प्रोग्राम से ऑफ एयर कर देना चाहिए और संबंधित टीवी चैनल्स पर भारी जुर्माना लगाना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि जहां तक हो सके आप उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाए जिससे वे ऐसी हरकतों से बाज आ जाए। 
 

Web Title: TV channels driven agenda create sensational news competition take off air anchors spread hatred divide society S Court

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