द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, इसके हिन्दी मायने होते हैं- द्रविड़ प्रगति संघ। इसे द्रमुक और डीएमके कहकर भी पुकारते हैं। इस पार्टी का गठन एम करुणानिधि ने 1949 में किया था। इसके बाद यह पार्टी तमिलनाडु में सालों तक सत्ता में रही। पार्टी का उद्गम प्रमुख रूप से हिन्दी विरोधी आंदोलनों से हुआ था। लेकिन बाद में इसका प्रमुख मुद्दा समाजिक समानता, खासकर हिन्दू जाति प्रथा के सन्दर्भ में, तथा द्रविड़ लोगो का प्रतिनिधित्व करना हो गया था। Read More
मोदी कैबिनेट की अहम बैठक खत्म होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 के एक खंड को छोड़कर बाकी अनुच्छेद को खत्म करने का प्रस्ताव पेश किया है। ...
लोकसभा चुनाव 2019: दक्षिण भारत के तमिलनाडु में कुल 39 लोकसभा सीट हैं और मतदान 18 अप्रैल को होगा। राज्य में कुल 5.86 करोड़ मतदाता हैं, जिसमें इसकी 18 प्रतिशत आबादी एससी की है, जोकि देश में सबसे ज्यादा है। ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थेनी में आयोजित एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा,‘‘आज भारत विश्वपटल पर तेजी से पहचान बना रहा है। कांग्रेस, द्रमुक और उनके महामिलावटी मित्र यह स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाखुश हैं।’’ ...
स्टालिन के बड़े भाई एम के अलागिरि के अपने भाई के नेतृत्व पर सवाल उठाने के कुछ ही दिन बाद द्रमुक ने 20 अगस्त को घोषणा की कि उसकी आम परिषद की बैठक 28 अगस्त को होगी। ...