आर्टिकल 370 का एम के स्टालिन ने किया विरोध, कहा- 'लोकतंत्र की हत्या कर दी गई है'
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 5, 2019 02:10 PM2019-08-05T14:10:19+5:302019-08-05T14:10:19+5:30
मोदी कैबिनेट की अहम बैठक खत्म होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 के एक खंड को छोड़कर बाकी अनुच्छेद को खत्म करने का प्रस्ताव पेश किया है।
जम्मू-कश्मीर पर केंद्र की नरेन्द्र मोदी की सरकार ने विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म करने का प्रस्ताव राज्यसभा में पेश कर दिया। कश्मीर में धारा 144 लागू है और महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला समेत विपक्ष के कई बड़े नेताओं को नजरबंद किया गया है। मोदी कैबिनेट की अहम बैठक खत्म होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 के एक खंड को छोड़कर बाकी अनुच्छेद को खत्म करने का प्रस्ताव पेश किया है। इसका डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन ने विरोध किया है। एम के स्टालिन ने कहा, ''बिना जम्मू कश्मीर के लोगों की सलाह लिए, आर्टिकल 370 हटा दिया गया। लोकतंत्र की हत्या हुई है। AIADMK भी इस फैसले का समर्थन कर रही है जो कि निंदनीय है।''
MK Stalin, DMK President: Without consulting people of Jammu and Kashmir, Article 370 has been taken away. Democracy has been murdered. AIADMK is also supporting the decision which is condemnable. pic.twitter.com/mnMbGMJGjv
— ANI (@ANI) August 5, 2019
राज्यसभा में डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि आज का दिन एक महान दिन के तौर पर याद रखा जाएगा। आज मुझे जो आश्चर्यजनक लगा वो यह कि इन्हें कानून की जानकारी नहीं है।
पंजाब एसएडी सरदार बलविंदर सिंह भुंडर ने कहा है कि हम देश के हक में रहे हैं। हम इस बिल का समर्थन करते हैं। हम बस चाहते हैं कि हम अल्पसंख्यकों के लिए भी गृह मंत्री रक्षा करें।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 पर कहा है कि नरेन्द्र मोदी की सरकार ने एकतरफा फैसला किया है। उन्होंने कहा है कि सरकार ने भरोसे पर पूरी तरह धोखा दिया है।
डीपी अध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 370 पर उठाए गए सरकार के कदम को लेकर सोमवार को कहा कि भारत कश्मीर के साथ किए गए अपने वादों को पूरा करने में विफल रहा। सरकार ने सोमवार को एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने की बात कही गई है।
जानिये क्या है आर्टिकल 370?
आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते।