भारत में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण में दो टीकों में एक कोविशील्ड भी है। कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका ने मिलकर बनाया है। भारत में इस टीके को पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाया गया है। यह वैक्सीन आम सर्दी-जुकाम वाले वायरस के एक कमजोर रूप से बनी है। जब वैक्सीन लगती है तो वह इम्युन सिस्टम को किसी कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार करती है। यह वैक्सीन दो डोज में चार और 12 हफ्तों के अंतराल पर लगती है। इसे भी 2 डिग्री से 8 डिग्री के बीच स्टोर किया जा सकता है। Read More
भारत में कोरोना वैक्सीन की 24 करोड़ से अधिक वैक्सीन लगाई जा चुकी है। हालांकि इसमें रूस की स्पुतनिक वी केवल 24713 लोगों को लगाई गई है। ये वैक्सीन फिलहाल भारत में निजी अस्पतालों और संस्थानों के माध्यम से लगाया जा रहा है। ...
भारत सरकार ने हाल में कोविड वैक्सीन बुक करने के लिए को-विन ऐप के इस्तेमाल को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत कई अहम बदलाव किए गए हैं। जानिए इनके बारे में... ...
भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन को लेकर एक शोध में कहा गया है कि ये कोविड-19 वायरस के बीटा और डेल्टा जैसे वैरिएंट से भी सुरक्षा प्रदान करता है। शोध के शुरुआती नतीजों में ये बात कही गई है। ...
केंद्र सरकार ने निजी अस्पतालों में कोविड वैक्सीन के अधिकतम दाम तय कर दिये हैं। ऐसे में कोई भी अस्पताल इन घोषित राशि से अधिक पैसे वैक्सीन की नहीं ले सकेगा। ...