कोवैक्सीन कोरोना वायरस के बीटा और डेल्टा वैरिएंट पर भी प्रभावी, शुरुआती शोध में दावा

By दीप्ती कुमारी | Published: June 9, 2021 11:55 AM2021-06-09T11:55:47+5:302021-06-09T11:56:17+5:30

भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन को लेकर एक शोध में कहा गया है कि ये कोविड-19 वायरस के बीटा और डेल्टा जैसे वैरिएंट से भी सुरक्षा प्रदान करता है। शोध के शुरुआती नतीजों में ये बात कही गई है।

Coronavirus covaxin offers protection from beta delta variants clamis early study | कोवैक्सीन कोरोना वायरस के बीटा और डेल्टा वैरिएंट पर भी प्रभावी, शुरुआती शोध में दावा

फोटो सोर्स - सोशल मीडिया

Highlightsशोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि कोवैक्सीन भारत के डेल्टा और बीटा वैरिएंट पर असरदार है ये अध्ययन अभी हालांकि कहीं छपा नहीं है और न ही इसकी समीक्षा हुई है भारत में दूसरी लहर के लिए डेल्टा वैरिएंट को हाल में एक शोध के बाद जिम्मेदार बताया गया था

दिल्ली : पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और भारत बायोटेक के शोधकर्ताओं ने एक संयुक्त अध्ययन में पाया कि भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई कोवैक्सीन कोरोना वायरस के वैरिएंट बीटा और डेल्टा से सुरक्षा प्रदान करती है । 

कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट सबसे पहले भारत में मिला था। वहीं बीटा वैरीएंट पहली बार दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था। 

हालांकि यह अध्ययन अभी पब्लिश नहीं है और अन्य विशेषज्ञों ने समीक्षा नहीं की है। इस अध्ययन में कोरोना से ठीक हुए 20 लोगों के नमूने लिए गए थे और कोवैक्सीन की दोनों डोज लेने के 28 दिनों बाद 17 अन्य लोगों के सैंपल लिए गए थे ।

अध्ययन में दावा किया गया है कि कोवैक्सीन ने कोरोनावायरस के इन दोनों वैरीएंट के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया का प्रदर्शन किया । आईसीएमआर प्रमुख बलराम भार्गव इस रिपोर्ट के लेखकों में से एक हैं । साथ ही वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक के सदस्यों में भी शामिल है।

भारत में दूसरी लहर के लिए डेल्टा वैरिएंट जिम्मेदार

हाल में एक सरकारी अध्ययन में कहा गया था कि भारत में दूसरी लहर के लिए अत्याधिक संक्रामक और तेजी से फैलने वाले डेल्टा वेरिएंट जिम्मेदार है । शोध से पता चला है कि यह यूके में पाए गए अल्फा वैरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक है और 50 प्रतिशत से अधिक संक्रामक है । हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि अधिक मौतों या मामलों अधिक गंभीरता में डेल्टा वेरिएंट की भूमिका का अभी तक कोई सबूत नहीं है। 

इसके अलावा इस सप्ताह की शुरुआत में एक अन्य प्री-प्रिंट अध्ययन , जिसकी विशेषज्ञ समीक्षा बाकी है , ने कथित तौर पर कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड की तुलना में  कोवैक्सीन ने अधिक एंटीबॉडी का उत्पादन किया है । यह अध्ययन कोरोना वायरस वैक्सीन प्रेरित एंटीबॉडी ट्रीटेड (COVAT) द्वारा किया गया था, जिसमें ऐसे स्वास्थ्यकर्ताओं को शामिल किया गया था, जिन्होंने भारत में प्रशासित होने वाले दो टीकों में से किसी एक की दोनों खुराक ली हो ।
 

Web Title: Coronavirus covaxin offers protection from beta delta variants clamis early study

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